सूर्य की महादशा और अंतर्दशा के उपाय
जब किसी भी जातक की कुंडली में किसी भी ग्रह की दशा ठीक नहीं होती है तो उस जातक का समय सही नहीं चलता है इसलिए जानिए सूर्य की महादशा और अंतर्दशा के उपाय
सूर्य की महादशा और अंतर्दशा के उपाय
सूर्य की महादशा में शनि की अंतर्दशा 11 महिने और 12 दिन की होती है। भगवान सूर्य तथा भगवान शनि को एक दूसरे का शत्रु माना जाता है। इस दशाकाल में जातकों अनेक प्रकार की असफलताएं प्राप्त होती है। और अशुभ फल की प्राप्ति होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी जातक की जन्म कुंडली के अंदर सबसे प्रभावशाली होती है ग्रह की महादशा क्योंकि ग्रहों की महादशा ही व्यक्ति का जीवन सही तथा गलत दिशा की ओर ले जाना तय करती है।
सूर्य की महादशा से बचने के लिए प्रत्येक शनिवार के दिन भगवान शनिदेव को लोहे की कटोरी में तेल अर्पण करना चाहिए तथा इस दिल के अंदर अपना मुंह देखना चाहिए।
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प्रतिदिन भगवान भास्कर यानी कि सूर्य देव को पीतल के पात्र के अंदर जल अर्पण करने से भी सूर्य की महादशा ठीक होती है और जल अर्पण करने वाले जातक को अच्छे फल की प्राप्ति होती है।
ओम सूर्याय नमः मंत्र का जाप करने से भी सूर्य की महादशा ठीक होती है और मंत्र का जाप करने वाले जातक की कुंडली में सूर्य ग्रह की महादशा थी कि स्थिति में बन जाती है।
सूर्य के अंतर्दशा ठीक करने के लिए प्रतिदिन सूर्य के 108 नामों का जाप लगातार तीन महीने तक करना चाहिए ऐसा करने से सूर्य की अंतर्दशा ठीक हो जाती है।
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इसके अतिरिक्त सोमवार के दिन भगवान शिव शंकर के मंदिर में धतूरे के पत्ते तथा बेलपत्र के पत्ते भगवान शिव के अर्पण करने से भी सूर्य की अंतर्दशा ठीक होती है और व्यक्ति की कुंडली का दोष भी दूर हो जाता है।
ग्रह की महादशा तथा अंतर्दशा ही व्यक्ति की जन्म कुंडली में सर्वोत्तम होती है इसलिए इसका ठीक होना बहुत ही आवश्यक होता है इसलिए प्रतिदिन ग्रह की दशा को अपनी कुंडली में ठीक करने के लिए भगवान सूर्य देव तथा शनि देव की आराधना करनी चाहिए।