पैर बार-बार फड़कने का अर्थ क्या होता है ?
पैर बार-बार फड़कने का अर्थ क्या होता है ? तथा पैर फड़कना शुभ होता है या अशुभ तथा पैर बार-बार क्यों फड़कता है ?
पैर बार-बार फड़कने का अर्थ क्या होता है ?
विभिन्न शास्त्रों के अनुसार महिलाओं तथा पुरुषों के पैर बार-बार फड़कने का अलग-अलग अर्थ होता है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार यदि किसी पुरुष का दाया पैर पड़ता है तो इसे अशुभ माना जाता है जबकि महिला के दाएं पैर को फड़कना सामुद्रिक शास्त्र में शुभ माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुरुष का बायां पैर बार-बार फड़कता है तो इसे शुभ माना जाता है जबकि स्त्री का दांया पैर फड़कना ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार स्त्री का बाया पैर फड़कना शुभ होता है तथा पुरुष का दाया पैर फड़कना शुभ होता है। यदि किसी स्त्री के दोनों पैर एक साथ फड़कते हैं तो इसे अशुभ माना जाता है। यह धन की हानि की ओर संकेत करता है।
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जबकि पुरुष के दोनों पर बार-बार एक साथ फड़कते हैं तो इसे शुभ संकेत माना जाता है यह धन वृद्धि और मजबूत आर्थिक स्थिति की ओर संकेत करता है। इसलिए अलग-अलग शास्त्रों में पैरों के बारे में फड़कने की अलग-अलग जानकारी प्राप्त होती है।
यदि किसी व्यक्ति के सोते समय दाया पैर फड़कता है तो इसे एक शुभ संकेत माना जाता है यह व्यवसाय में विनाश की ओर संकेत करता है तथा धन की हानि होने की भी संभावनाएं बढ़ाता है।
लेकिन किसी स्त्री का पैर सोते समय पड़ता है तो इसे शुभ माना जाता है और इसे फड़कने से स्त्री को जल्दी ही कोई शुभ समाचार प्राप्त होने का सौभाग्य प्राप्त हो सकता है।
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सूर्योदय से पूर्व यदि किसी भी स्त्री या पुरुष का पैर बार-बार फड़कता है तो इसे एक शुभ शगन माना जाता है यह यात्रा के योग बनने की ओर संकेत करता है।
विज्ञान के आधार बात की जाये की पैर बार-बार क्यों फड़कता है तो इसका जवाब आता है कि यह शरीर की सामान्य प्रक्रिया होती है इसलिए पैर बार-बार पड़ता है लेकिन यदि जरूरत से ज्यादा पेड़ पड़ता है तो किसी चिकित्सक से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।