अंगों का फड़कना शुभ होता है या अशुभ ?
अंगों का फड़कना शुभ होता है या अशुभ ? तथा शरीर के सभी अंगों का फड़कने का मतलब और कमर फड़कने का मतलब तथा कंधा फड़कने का मतलब
अंगों का फड़कना शुभ होता है या अशुभ ?
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार शरीर के विभिन्न अंगों के फड़कने का मतलब भिन्न-भिन्न होता है। यदि पुरुष की दाहिनी आंख फड़कती है तो इसे शुभ माना जाता है जबकि महिला की बाई आंख फड़कना शुभ माना जाता है जबकि पुरुष का बायां पैर फड़कना शुभ माना जाता है बल्कि इस तरीका दाया पैर फड़कना शुभ माना जाता।
मानव शरीर के सभी अंगो का फड़कने का मतलब अलग-अलग होता है यदि स्त्री का दाहिना कंधा फड़कना है तो इसे अशुभ माना जाता है जबकि पुरुष का दाहिना कंधा यदि फड़कता है तो यह शुभ माना जाता है।
स्त्री का दाया कंधा फड़कना शुभ होता है जबकि पुरुष का बायां कान फड़कना ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ माना जाता है। किंतु पुरुष के दाहिने हाथ की अंगुलियों का फड़कना शुभ माना जाता है लेकिन स्त्री की बाहिने हाथ के अंगुलियों को फड़कना शुभ माना जाता।
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समुद्रिक शास्त्र के अनुसार स्त्री का दाहिना कंधा फड़कना शुभ होता है जबकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुरुष का दाहिना कंधा फड़कना शुभ होता है लेकिन यदि पौराणिक ग्रंथों की बात करें तो पुरुष का दाहिना कंधा जबकि महिला का बाहिना कंधा फड़कना शुभ होता है।
पुरुष के बाएं पैर की अंगुली यदि फड़कती है तो सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार इसे शुभ माना जाता है जबकि सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार महिला के दाएं पैर की अंगुलियों यदि फड़कती है तो इसे शुभ माना जाता है।
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स्त्री की कमर का बायां भाग फड़कता है तो इसे अशुभ माना जाता है जबकि पुरुष की कमर का दांया भाग फड़कत है तो इसे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ तथा श्रेष्ठ माना जाता है। यह धन लाभ की ओर संकेत करता है।