गुप्त अंगों के फड़कने का मतलब , अर्थ , मायने
गुप्त अंगों के फड़कने का मतलब , गुप्त अंगों के फड़कने का अर्थ , गुप्त अंगों के फड़कने के मायने , कमर का फड़कना , जांघ का फड़कना , नाभि का फड़कना , पेट का फड़कना , Guptang ka fadkana , gupt angon ke fadkane ka matlab , gupt angon ke fadkane ka arth, nabhi fadkana , kamar ka fadkana , pet ka fadkana , Jang ka fadkana ,
गुप्त अंगों के फड़कने का मतलब / संकेत /अर्थ/मायने
जब किसी भी व्यक्ति या स्त्री पुरुष में से किसी भी एक का गुप्त अंग फड़कता है तो इसका मतलब होता है कि अब आप के विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं। आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि निश्चित ही आपके जीवन में किसी भी शुभ कार्य से जुड़ी हुई यात्रा के योग बनेंगे।
जो कि आपके जीवन में परिवर्तन कार्य तथा दूरगामी भविष्य के लिए शुभ फल प्रदान करने वाले होंगे।
कमर का फड़कना
वास्तु शास्त्र के अनुसार कमर का फड़कना अति उत्तम माना गया है यदि किसी भी पुरुष की पिछले हिस्से से कमर फड़कती है तो इसका मतलब है कि आपके व्यवसाय में वृद्धि होगी तथा घर में लक्ष्मी का आगमन होगा।
जांघ का फड़कना
स्त्री या पुरुष दोनों की ही जांघ का फड़कना अशुभ संकेत प्रदान करता है वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि किसी भी व्यक्ति की जांघ फड़कती है तो उसके मान सम्मान को ठेस पहुंचाने तथा अपमानित होने की संभावनाएं बनी रहती है।
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नाभि का फड़कना
किसी भी स्त्री या पुरुष की नाभि जब फड़कती है तो यह शारीरिक कष्ट आने की ओर संकेत करती है इसलिए नाभि का फड़कना अशुभ माना गया है।
पेट का निचला हिस्सा फड़कना
वास्तु शास्त्र के अनुसार जब किसी भी स्त्री या पुरुष के पेट का निचला हिस्सा फड़कता है तो इसे उत्तम माना गया है। यदि पेट का ऊपर वाला हिस्सा फड़कता है तो इसे अशुभ माना गया है और यह किसी शारीरिक कष्ट का संकेत करता है।
बायां कान फड़कने का मतलब
बायां कान फड़कने का मतलब होता है कि अपने जो मेहनत की है उसका फल आपको शीघ्र ही प्राप्त होने वाला है।
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