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अंडकोष फड़कने का अर्थ क्या होता है ?

अंडकोष फड़कने का अर्थ क्या होता है ?

अंडकोष फड़कने का अर्थ क्या होता है ? तथा अंडकोष फड़कना शुभ है या अशुभ और अंडकोष क्यों फड़कते हैं ?

अंडकोष फड़कने का अर्थ क्या होता है ?
अंडकोष फड़कने का अर्थ क्या होता है ?

अंडकोष फड़कने का अर्थ क्या होता है ?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अंडकोष फड़कना एक शुभ संकेत होता है जिसका अर्थ होता है कि जिस व्यक्ति का अंडकोष पड़ता है उस व्यक्ति के जीवन में निश्चित ही कोई परिवर्तन होगा तथा धन का लाभ होगा और घर परिवार में शांति बनी रहेगी।

अंडकोष का फड़कना साधारणतया अच्छे परिणाम ही देता है और यह हमेशा व्यक्ति के लिए अनुकूल स्थिति ही पैदा करता है लेकिन ऐसा कम ही होता है कि किसी व्यक्ति के अंडकोष फड़के।

यदि दोनों अंडकोष एक साथ फड़कते हैं तो इसे बहुत ही ज्यादा अच्छा माना जाता है क्योंकि ऐसा होने पर उस व्यक्ति को शीघ्र ही कोई बड़ी सफलता हासिल होने के योग बनते हैं।

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अंडकोष का फड़कना अलग-अलग अवस्थाओं के अनुसार अलग-अलग अर्थ देता है यदि किसी बालक का अंडकोष फड़कता है तो यह उस बालक के उज्जवल भविष्य की ओर संकेत करता है।

जबकि किसी 18 से लेकर 25 वर्ष की आयु तक के व्यक्ति का अंडकोष फड़कता है तो यह उस व्यक्ति की आय में वृद्धि और व्यवसाय में तरक्की की ओर संकेत करता है।

25 वर्ष से लेकर के 40 वर्ष की आयु तक के व्यक्ति का यदि अंडकोष फड़कता है तो सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार इसका अर्थ होता है कि उस व्यक्ति के स्वास्थ्य में अब सुधार होगा तथा लंबे समय से चली आ रही मानसिक तथा शारीरिक समस्याएं समाप्त होगी।

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40 वर्ष के ऊपर के किसी भी व्यक्ति के अंडकोष यदि फड़पते हैं तो इसे भी शुभ ही माना जाता है क्योंकि ऐसा होने पर व्यक्ति की आर्थिक तंगी दूर होती है तथा व्यक्ति के मन से नकारात्मक ऊर्जा का निकास होता है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अंडकोष का फड़कना एक सामान्य प्रक्रिया होती है जो कि व्यक्ति के एक स्थान पर लगातार चार-पांच घंटे तक बैठे रहने के कारण उत्पन्न होती है।

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