तेजा दशमी कब और क्यों मनाते है ?
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि तेजा दशमी कब और क्यों मनाते है ? तथा तेजा दशमी कहाँ पर मनाई जाती है और तेजा दशमी किसकी याद में मनाई जाती है ?

तेजा दशमी कब और क्यों मनाते है ?
तेजा दशमी भाद्रपद शुक्ल दशमी के दिन मनाई जाती है तेजा दशमी लोक देवता वीर तेजाजी की स्मृति के अंदर मनाई जाती है यह त्यौहार मुख्य रूप से अजमेर तथा नागौर जिले के अंदर मनाया जाता है।
तेजा दशमी राजस्थान के नागौर ज़िले के खरनाल मैं जन्म लिया लोक देवता मृत्यु जी महाराज जिनकी जाति धौलया जाट थी और लोक देवता वीर तेजाजी महाराज को गायों के रक्षक के रूप में भी जाना जाता है कि लोग बहता वीर तेजाजी महाराज का ससुराल सुरसुरा अजमेर जो राजस्थान के अंदर है।
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लोक देवता वीर तेजाजी महाराज गायों के देवता भी एवं साँपों के देवता माने जाते हैं राजस्थान प्रदेश के अंदर जगह जगह पर वीरता जी महाराज के बड़े बड़े मंदिर बने हैं और लोक देवता भी तथा जी महाराज की राजस्थान प्रदेश के लगभग हर गाँव के अंदर पूजा अर्चना बड़े ही धूमधाम के साथ की जाती है।
लोक देवता वीरता जी महाराज का जन्म खरनाल नागौर के अंदर हुआ था लोक देवता वीर तेजाजी जी महाराज की पूजा अर्चना भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को पूरे देश पर देश विदेश के अंदर ही बड़े धूमधाम से की जाती है।
वीर तेजाजी महाराज के भक्त राजस्थान प्रदेश के अंदर भी बहुत है और फिर तुझे जी महाराज के बहुत राजस्थान प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों के अंदर प्रवासी भी रखती है वह भी वह अन्य राज्यों के अंदर ही वीटो जी महाराज के मंदिर बनाए हुए है और वहीं पर पूजा अर्चना करते हैं और वीर तेजाजी महाराज के भक्त विदेशों के अंदर भी रहते हैं और वो फिर तो तू जी महाराज की पूजा वहीं विदेशों के अंदर ही करते हैं।
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तेजा दशमी के दिन खरनाल और सुरसुरा दोनों जगह ही तेजाजी महाराज के बड़े बड़े मंदिर बने हुए हैं यहाँ पर वीर तेजाजी जी महाराज के भक्त तेजा दशमी के दिन लाखों की संख्या के अंदर आते हैं और लाखों ये तो ज़ी महाराज की अब वक़्त वहाँ पर वो वहीं पहुँच पाते हैं व अन्य व्यक्ति जो जी महाराज के मंदिरों पर जाकर तेजा दशमी के दिन वीरता जी महाराज का आशीर्वाद लेते हैं।