वीर तेजाजी का संपूर्ण जीवन परिचय:2022 (Complete biography of Veer Tejaji)
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से राजस्थान के सुप्रसिद्ध लोक देवता वीर तेजाजी का संपूर्ण जीवन परिचय (Complete biography of Veer Tejaji) बताएंगे।
समाज में मानवतावादी हितों के लिए कार्य करते हुए अपने प्राण त्याग देने वाले महापुरुषों को लोक देवता के नाम से जाना जाता है। तथा राजस्थान की भूमि लोक देवताओं हेतु प्रसिद्ध है। राजस्थान के हर पग-पग पर लोक देवताओं के भव्य मंदिर देखने को मिलते हैं। Complete biography of Veer Tejaji
और आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे गौ रक्षा हेतु अपने प्राणों की बलि देने वाले|Complete biography of Veer Tejaji| लोक देवता वीर तेजाजी का संपूर्ण जीवन परिचय।
जानिए वीर तेजाजी का संपूर्ण जीवन परिचय (Complete biography of Veer Tejaji)
लोक देवता श्री सत्यवादी वीर तेजाजी महाराज का जन्म 1074 ईस्वी में खड़नाल (नागौर) के नागवंशी जाट परिवार में हुआ था।
लोक देवता वीर तेजाजी के पिता का नाम ताहड़ तथा माता का नाम राजकुंवर था। लोक देवता तेजाजी की गौ रक्षा के प्रति अलग बचपन से ही दिखाई देती थी।
लोक देवता तेजाजी का विवाह पनेर (अजमेर) के निवासी रायचंद की पुत्री पेलमदे/पेमल के साथ हुआ था।
संपूर्ण राजस्थान में लोक देवता तेजाजी को गायों के मुक्तिदाता तथा गौ रक्षक लोक देवता के रूप में पूजा जाता है।
लोक देवता तेजाजी की पूजा राजस्थान में नागों के देवता या सांपों के देवता के रूप में की जाती है। तथा इन्हें काला व बाला का देवता भी कहा जाता है।
लोक देवता तेजाजी राजस्थान में कृषि कार्यों के उद्धारक लोक देवता के रूप में भी पूजे जाते हैं।
तेजाजी के जीवन की कहानी
हजारों वर्ष पहले की बात है जब तेजाजी की उम्र लगभग सोलह-सत्रह साल रही होगी, एक दिन तेजाजी अपने घर से अपनी पत्नी को लेने के लिए अपने ससुराल पनेर की ओर रवाना हो गए लेकिन ससुराल पहुंचने से पहले ही उनको मध्य में एक लाछा नाम की गुजरी रोती बिलखती दिखाई पड़ी तब तेजाजी ने उससे पूछा कि तुम क्यों रो रही हो?
हुआ क्या है? तब उस गुजरी ने जवाब दिया कि कुछ लुटेरे मेरी गायों को ले गए हैं तो तेजाजी ने कहा तुम रोना बंद करो मैं छुड़वा कर लाऊंगा लुटेरों से तुम्हारी गायें। तेजाजी ने गुजरी को गाय छुड़ाकर लाने का वचन दिया और तेजाजी ने लुटेरों से युद्ध किया इस दौरान तेजाजी का पूरा शरीर लहूलुहान हो गया लेकिन अंततः तेजाजी गाय छुड़ाकर लाने में सफल रहे।
लेकिन गाय छुड़ाकर रास्ते से लौटते समय तेजाजी ने अग्नि में एक नाग और नागिन को जलते हुए देखा तो तेजाजी ने अपने भाले से उनको बाहर निकाला जैसे ही तेजाजी ने अग्नि से बाहर निकाला तो साक्षात नाग देवता प्रकट हुई और तेजा जी से कहा कि है! दुष्ट मानव हमें अपनी सर्प रूपी जीवन से मुक्ति मिल रही थी तुमने हमें बचाकर ठीक नहीं किया अब मैं तुम्हें डसुगां तू तेजाजी ने कहा कि मैंने अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है।
जीवन बचाने के कर्तव्य का बाकी आप जो चाहो करो तब तेजाजी ने अपनी जीभ निकाली और नाग देवता के समक्ष खड़े हो गए तो नाग देवता ने कहा जाओ मैंने तुम्हें माफ किया तब तेजाजी ने कहा कि मैंने वचन दे दिया है और मैं जाट का बेटा हूं वचन देने के बाद पीछे नहीं हटता हूं तो फिर नाग देवता ने तेजाजी को डसा और कहा कि तुम संपूर्ण भारत में नाग देवता और गौ रक्षक लोक देवता के रूप में पूजे जाओगे।
इसी कहानी के आधार पर आज भी राजस्थान में लोक देवता वीर तेजाजी जन-जन के आराध्य के रूप में पूजे जाते हैं।
तेजाजी का मेला (Complete biography of Veer Tejaji)
तथा राजस्थान में प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल दशमी को तेजाजी का भव्य मेला आयोजित होता है।
आशा करते हैं हमारे द्वारा लिखा गया Complete biography of Veer Tejaji वीर तेजाजी का संपूर्ण जीवन परिचय आपको पसंद आया होगा। आपको ये जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।