सीमन्तोन्नयन संस्कार क्या है ? सीमन्तोन्नयन संस्कार की विधि
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हिंदू धर्म में कुल 16 संस्कार माने गए हैं जिनमें से सीमन्तोन्नयन संस्कार भी एक महत्वपूर्ण संस्कार है। इसे हिंदू धर्म का तीसरा संस्कार माना गया है।

सीमन्तोन्नयन संस्कार क्या है ?
इस संस्कार का स्वामी बली को माना गया है तथा इस संस्कार के दौरान मां लक्ष्मी तथा भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। गर्भ में ज्ञान प्राप्ति के लिए इस संस्कार का विशेष महत्व है।
सीमन्तोन्नयन संस्कार की विधि
इस संस्कार को संपन्न करने के लिए अनेक मंत्रों का उच्चारण किया जाता है तथा भगवान विष्णु और लक्ष्मी की आराधना की जाती है।
सीमन्तोन्नयन संस्कार कब किया जाता है
गर्भवती महिला के चौथे से आठवें महीने के मध्य इस संस्कार को संपन्न किया जाता है। यह संस्कार करने के लिए रविवार, गुरुवार तथा शुक्रवार का दिन शुभ माना गया है।
सीमन्तोन्नयन संस्कार कैसे करते हैं
यह संस्कार गर्भवती महिला के चौथे से लेकर आठवीं महीने के मध्य गोदभराई करके करवाया जाता है।
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गर्भ के किस माह में सीमन्तोन्नयन संस्कार किया जाता है
गर्भवती महिला के 4, 5 ,6 ,7 तथा 8 वें महीने में से किसी भी एक माह में यह संस्कार किया जाता है।
सीमन्तोन्नयन संस्कार का वैदिक महत्व
इस संस्कार का वैदिक महत्व विशेष है इस संस्कार को संपन्न कराने से बच्चे का बौद्धिक विकास होता है तथा शारीरिक रूप से बच्चा मजबूत बनता है साथ ही बच्चे का मानसिक विकास भी तिरुपति से होता है।
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