संत लालगिरी जी का जीवन परिचय 2024 | अलखिया संप्रदाय | इतिहास
संत लालगिरी जी का जीवन परिचय 2024 | अलखिया संप्रदाय | इतिहास , संत लालगिरी जी का जन्म कहां हुआ ? , संत लालगिरी जी ने कौनसा संप्रदाय चलाया ?
संत लालगिरी जी का जीवन परिचय 2024 | अलखिया संप्रदाय | इतिहास
संत लालगिरी जी का प्रभाव केवल बीकानेर जिले तक ही सीमित नहीं है बल्कि इनका प्रभाव संपूर्ण राजस्थान में देखने को मिलता है तथा उनके अनुयायी किसी भी प्रकार का वाद-विवाद करना पसंद नहीं करते हैं और शालीनता पूर्वक जीवन व्यतीत करना इनको अच्छा लगता है।
उनके अधिकांश अनुयायियों को अकेला रहना पसंद होता है तथा ईश्वर की भक्ति में लीन होकर जीवन व्यतीत करना इनका प्रमुख कर्तव्य है।
संत लालगिरी जी का जन्म कहां हुआ ?
संत लालगिरी का जन्म चुरू जिले के सुलाखिया गांव में हुआ था। यह बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति के थे तथा इनको धर्म में गहरी रुची थी।
संत लालगिरी जी ने कौनसा संप्रदाय चलाया ?
संत लालगिरी जीने अलखिया संप्रदाय चलाया (स्थापना) था। जिसकी प्रमुख पीठ बीकानेर जिले में है तथा इन्होंने अलख स्तुति प्रकाश नामक ग्रंथ की भी रचना की थी।
संत लालगिरी जी का स्मारक वर्तमान समय में बीकानेर जिले के जूनागढ़ दुर्ग के सामने बना हुआ है। जिसमें अलखिया संप्रदाय के श्रद्धालु प्रतिवर्ष सैकड़ो की संख्या में आते हैं।
संत लालगिरी जी का समाधि स्थल जयपुर जिले के गलता तीर्थ के निकट है। यहां भी इनके अनुयायीयों की आवाजाही होती रहती है।