ज्वाला माता का मंदिर कहां स्थित है ?
ज्वाला माता का मंदिर कहां स्थित है ? तथा ज्वाला माता किसकी कुलदेवी हैं और ज्वाला माता के मंदिर का निर्माण किसने करवाया ?
ज्वाला माता का मंदिर कहां स्थित है ?
ज्वाला माता का मंदिर राजस्थान के जयपुर जिले के जोबनेर नामक स्थान पर स्थित है। इस मंदिर का जितना धार्मिक महत्व है उतना ही प्राचीन महत्व भी है।
मुगल काल के दौरान बना यह मंदिर देखने में बहुत ही आकर्षक और सुंदर है। ज्वाला माता के इस मंदिर की गिनती जयपुर जिले के विशेष मंदिरों के अंतर्गत की जाती है।
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ज्वाला माता राजपूत जाति के खंगारोत गोत्र की कुलदेवी है। खंगारोत गोत्र के लोग प्रतिवर्ष नवरात्रों के अंदर ज्वाला माता की अखंड ज्योत जलाते हैं और इनसे आराधना करते हैं कि उनका गोत्र निरंतर प्रगति करते रहे।
नवरात्रों के दौरान ही ज्वाला माता का विशाल मिले का आयोजन होता है जी मेले के अंदर जयपुर जिले से सैकड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए भोजन सामग्री धार्मिक ट्रस्ट द्वारा दी जाती है और मेले में आने वाले जातकों को प्रसादी का वितरण किया जाता है।
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इस माता के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इस माता को तब बहुत अधिक गुस्सा आता है जब कोई भी इस माता के भक्तों को परेशान करता है तो यह माता अग्नि के रूप में यानी की ज्वाला के रूप में अपने भक्तों की रक्षा करती है।
ज्वाला माता को नए केवल राजस्थान के जोबनेर जिले के खंगारोत ही पूजते हैं बल्कि संपूर्ण राजस्थान के खंगारोत में ज्वाला माता का वर्चस्व स्थापित है और संपूर्ण राजस्थान के अंदर ही ज्वाला माता को धूमधाम के साथ पूजा जाता।
ज्वाला माता के मंदिर निर्माण को लेकर कोई प्रमाणिक तथ्य तो नहीं मिलता है लेकिन कुछ क्यों जंतुओं के आधार पर ऐसा कहा जा सकता है कि इस मंदिर का निर्माण खंगारोत जाति के किसी शासक ने मुगल काल के दौरान करवाया था।
तथा जब इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था तो ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में 3 वर्ष 2 माह तथा एक सप्ताह का समय लगा था।