दिवाली व्रत कथा | Diwali Vrat Katha
प्रतिवर्ष कार्तिक अमावस्या के दिन दीपावली का पर्व मनाया जाता है आज हम आपको बताएंगे दिवाली व्रत कथा | Diwali Vrat Katha तथा दीपावली के व्रत की कहानी।

दिवाली व्रत कथा | Diwali Vrat Katha
सैकड़ो वर्ष पुरानी बात है एक समय में एक बहुत ही गरीब किसान था और उसके पास खाने के लिए अनाज की भी कमी थी। और एक बार हुआ यूं कि किस के खेत में अकाल पड़ गया जिसकी वजह से किसान का जीवन गहरे संकट में पड़ गया।
यह सब खेल माता लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ बैठे-बैठे देख रही थी तभी माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु से किसान की मदद करने के लिए कहा। लेकिन भगवान विष्णु ने उनके सामने एक शर्त रख दी कि वे किसान की मदद तब ही करेंगे जब माता लक्ष्मी उनका कहना मानेगी।
माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु की शर्त मंजूर कर ली इसके बाद भगवान विष्णु खुद स्वयं साक्षात धरती के ऊपर आए और किस के खेत में बीज बनाकर के अंकुरित हुए और बरसात नहीं होने के बावजूद भी किसान के खेत में अच्छी खासी फसल उत्पन्न हुई।
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किंतु इन सब को देखकर किसान हैरानी में था क्योंकि उसे दौरान पूरे क्षेत्र के अंदर अकाल पड़ा था और किस के खेत में हरी-भरी फसल लहरा रही थी। किसान बहुत दिनों तक इसके बारे में सोचता रहा और एक दिन भगवान विष्णु से प्रार्थना करने लगा कि हे प्रभु यह चमत्कार कैसा है।
तभी भगवान विष्णु प्रकट हुए और किसान से बोले की है किस तेरी मेहनत के आगे मैं बेबस हो गया और तुम्हारी मेहनत और कठोर परिश्रम को देखकर ही मेरा हृदय द्रवित हो गया जिसके चलते मैं तुम्हें खाने जितना अनाज दिया है ।
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यह सब सुनकर किसान की आंखों में पानी भर आया फिर किसान ने भगवान विष्णु को नतमस्तक होकर प्रणाम किया तथा भगवान का आभार व्यक्त किया।