आश्विन महीने का महत्व
आश्विन महीने का महत्व तथा आश्विन महीने में क्या करना चाहिए और आश्विन महीने में क्या नहीं करना चाहिए तथा आश्विन महीने में किसकी पूजा करनी चाहिए ?
आश्विन महीने का महत्व
हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद माह के बाद में आश्विन महीने का आगमन होता है यह हिंदू पंचांग का सातवां महीना होता है इस महीने का विशेष महत्व होता है क्योंकि यह महीना देवी दुर्गा को समर्पित होता है।
आश्विन महीने को अधिक माह और पुरुषोत्तम माह के उपनाम से भी जाना जाता है। जैसे कि हिंदू धर्म में प्रत्येक महीना किसी ना किसी देवी देवता को समर्पित होता है उसी प्रकार आश्विन का महीना भी माता दुर्गा को समर्पित होता है।
आश्विन के महीने में दान पुण्य करने से दुगना फल प्राप्त होता है ऐसी जानकारी पौराणिक ग्रंथों से मिलती है तथा इस महीने में दान पुण्य करने से जिस जातक की राशि में ग्रहों की दशा खराब होती है तो दान पुण्य करने से ठीक हो जाती है।
जब व्यक्ति की राशि में ग्रहों की दशा ठीक नहीं होती है तो व्यक्ति का स्वास्थ्य भी बिगड़ जाता है इसलिए इन सब से बचने के लिए आश्विन महीने के अंदर माता दुर्गा और अपने पित्र देव की पूजा अर्चना करनी चाहिए।
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आश्विन के इस महीने में देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उसकी पूजा आराधना करनी चाहिए क्योंकि यह महीना देवी दुर्गा की पूजा आराधना करने के लिए सर्वोत्तम महीना माना जाता है।
इस माह में देवी दुर्गा की पूजा आराधना करने से मन को शांति मिलती है तथा सुख समृद्धि और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है तथा व्यक्ति का समाज में मान सम्मान बढ़ता है।
आश्विन महीने के अंदर घी तथा तिल के लड्डू का दान करना चाहिए तथा इस महीने के अंदर भगवान सूर्य की आराधना भी करनी चाहिए और अश्विन के महीने में पित्र पूजा करने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है इसलिए इस महीने में अपने पित्र देव की आराधना भी करनी चाहिए।
आश्विन के महीने में दान करने का विशेष फल और महत्व होता है इसलिए इस महीने में हो सके तो वस्त्र दान अवश्य करना चाहिए क्योंकि इस महीने में वस्त्र दान करने से व्यक्ति का मानसिक तनाव दूर होता है।
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इसके अतिरिक्त आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष में माता दुर्गा की पूजा आराधना करनी चाहिए और दुर्गा पाठ का वाचन भी करना चाहिए। आश्विन के महीने में वृक्षारोपण करने से भी अच्छे फल की प्राप्ति होती है और इस महीने में वृक्षारोपण करने से वृक्ष का विकास को गति के साथ होता है।
अश्विन के महीने में दूध का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए क्योंकि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने में दूध का सेवन करना शुभ नहीं माना जाता है इसके अलावा इस महीने के अंदर करेले की सब्जी खाने से भी परहेज करना चाहिए क्योंकि इसे भी पौराणिक ग्रंथों में आश्विन माह में खाना उचित नहीं माना जाता है।
आश्विन मास में धूप में निकलने से बचना चाहिए क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस महीने में यदि कोई व्यक्ति धूप के अंदर निकलता है तो उस व्यक्ति को त्वचा से संबंधित अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती है इसलिए इस महीने में धूप में नहीं निकलना चाहिए।
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देवी दुर्गा की पूजा करने के लिए तो आज दिन का महीना सर्वोत्तम होता ही है लेकिन इसके साथ ही इस महीने में यदि पित्र देव की पूजा अर्चना की जाती है तो उनके लिए भी यह महीना श्रेष्ठ और उत्तम होता है।