सिंजारा किस दिन भेजा जाता है ?
सिंजारा किस दिन भेजा जाता है ? तथा सिंजारा क्या होता है और सिंजारा क्यों मनाया जाता है एवं लड़कों का सिंजारा कब भेजा जाता है तथा महिलाओं का सिंजारा कब भेजा जाता है से संबंधित जानकारी।
सिंजारा किस दिन भेजा जाता है ?
छोटी तीज (श्रावण शुक्ल तृतीया) से एक दिन पहले (श्रावण शुक्ल द्वितीया) इस दिन महिलाओं का सिंजारा भेजा जाता है जबकि लड़कों का सिंजारा गणेश चतुर्थी (भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी) के दिन भेजा जाता है।
छोटे बच्चों का सिंजारा (ढुंढ) फाल्गुन शुक्ल एकादशी के दिन भेजा जाता है। इस सिंजारे में छोटे बच्चों के लिए खिलौने तथा खाद्य सामग्री भेजने की परंपरा चली आ रही है।
सिंजारा का शाब्दिक अर्थ श्रृंगार सामग्री होता है। जब महिलाओं का सिंजारा होता है तो महिला के ससुराल वाले पीहर में सिंजारा भेजते हैं जबकि लड़कों का सिंजारा होता है तो लड़की के ससुराल वाले सिंजारा भेजते हैं।
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सरल भाषा के अंदर यदि सिंजारा क्या होता है बताया जाए तो सिंजारा होता है श्रृंगार से संबंधित सामग्री। इसके अंदर महिला जो 16 श्रृंगार करती है वह सब भेजे जाते हैं।
छोटे बच्चों का सिंजारा उनकी बुआ के द्वारा भेजा जाता है इसके अंदर उनकी बुआ उनके लिए खिलौने तथा वस्त्र भेजती है और चांदी से बनी कुछ वस्तु भी छोटे बच्चों के लिए अवश्य भेजती है।
महिलाओं के सिंजारे में श्रृंगार सामग्री के साथ साथ महिलाओं के लिए वस्त्र और चप्पल इत्यादि भेजने की भी परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही है जो आज तक अनरवत जारी है।
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पुरुषों के सिंगारे में घेवर इत्यादि लिखने की परंपरा चली आ रही है इस दिन घेवर जो कि एक राजस्थान की प्रसिद्ध मिठाई है भेजने की रीत चली आ रही है ऐसी मान्यता है कि यदि सिंजारे के दिन देवर नहीं भेजा जाता है तो सिंजारा अधूरा रह जाता है।