श्रावण महीने का महत्व तथा सावन मास का महत्व और सावन के महीने में क्या करना चाहिए तथा सावन के महीने में क्या नहीं करना चाहिए ? और श्रावण के महीने में कौन-कौन से त्योहार आते हैं ?
श्रावण महीने का महत्व
श्रावण के महीने में भगवान शिव की विशेष कृपा होती है प्राचीन मान्यताओं के आधार पर इस माह में ही भगवान शिव पृथ्वी पर अवतरित हुए थे तथा माता पार्वती को लेने अपने ससुराल गए थे इसलिए भी इस महीने का विशेष महत्व है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार समुंद्र मंथन भी श्रावण के महीने में ही किया गया था इसलिए भी इस महीने का महत्व बढ़ जाता है इसके अतिरिक्त ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में बरसने वाला जल भी भगवान शिव की कृपा से ही बरसता है।
भगवान विष्णु योग निद्रा में श्रावण के महीने में ही चले जाते हैं इसलिए भी इस महीने का महत्व विशेष हो जाता है इसके अतिरिक्त साधु-संतों के लिए भी श्रावण का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
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सावन के महीने से ही सूर्य की गर्मी कम होने लगती है तथा बारिश का दौर शुरू होने लगता है। यह महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है इसलिए इस महीने में भगवान शिव को जल अर्पण करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
हिंदू पंचांग का पांचवा महिना श्रावण का महीना होता है जिसे सावन का महीना भी कहा जाता है इस माह ऐसे ही वर्षा की शुरुआत भी हो जाती है इस महीने में अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति हेतु भगवान शिव की पूजा करती है जबकि विवाहित महिला के पति की दीर्घायु हेतु भगवान शिव की आराधना करती है।
नाग पंचमी रक्षाबधन तथा हरियाली तीज का पर्व भी इसी श्रावण महीने के अंदर आता है इसलिए भी इस माह का महत्व बढ़ जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव तथा माता पार्वती का पुनर्मिलन भी सावन के मास में ही हुआ था। इसलिए भी इस महीने को शुभ तथा श्रेष्ठ माना जाता है।
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सावन के महीने में ही भगवान शिव ने विषपान किया था जिसके बाद पृथ्वी पर गर्मी अत्यधिक मात्रा में बढ़ गई थी इसलिए फिर इंद्रदेव ने अपनी कृपा बरसाते हुए बरसात शुरू की थी इसलिए ऐसा माना जाता है कि बरसात की शुरुआत भी श्रावण के महीने से होती है।
श्रावण के महीने में भगवान शिव को जल अर्पण करना चाहिए तथा इस महीने में भगवान शिव के शिवलिंग के ऊपर धतूरा तथा भांग का भोग लगाना चाहिए ऐसा करने से सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान होता है।
श्रावण के महीने में गाय को चारा खिलाना बहुत ही शुभ माना जाता है यदि कोई भी व्यक्ति श्रावण के महीने में गाय को चारा खिलाते हैं तो उस व्यक्ति के कष्ट दूर होते हैं और उसके पास धन और लक्ष्मी की कभी कमी नहीं होती है।
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श्रावण के महीने में शिवलिंग के ऊपर कभी भी हल्दी का लेप नहीं करना चाहिए तथा इस महीने के अंदर दूध का सेवन भी नहीं करना चाहिए इसके अतिरिक्त श्रावण के महीने में बैंगन नहीं खाना चाहिए तथा अपने से बड़े किसी भी व्यक्ति का अपमान श्रावण के महीने में नहीं करना चाहिए।
गुरुजनों तथा माता-पिता का अपमान करना श्रावण के महीने में कदापि सही नहीं माना जाता है इसलिए इस महीने के अंदर अपने स्वभाव को शालीन रखना चाहिए और भूलकर भी अपने माता-पिता तथा गुरु का अपमान श्रावण मास में नहीं करना चाहिए।
त्योहारों की भरमार से भरा हुआ श्रावण का महीना व्यक्ति के नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और उसमें सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है और इस महीने के अंदर ही हरियाली तीज आती है और यह महत्वपूर्ण रूप से हरा भरा होता है क्योंकि इस माह में प्रकृति अपनी विशेष कृपा पृथ्वी पर बरसाती है।