Buy now

अन्नप्राशन संस्कार कैसे किया जाता है , अन्नप्राशन संस्कार क्या है

अन्नप्राशन संस्कार कैसे किया जाता है , अन्नप्राशन संस्कार क्या है

अन्नप्राशन संस्कार कैसे किया जाता है , अन्नप्राशन संस्कार क्या है , संस्कार की विधि , संस्कार कब किया जाता है , लड़की का संस्कार कब करें , Annaprashana Sanskar kaise kiya jata hai , Annaprashana Sanskar kya hai , Annaprashana Sanskar Vidhi , Annaprashana Sanskar kab Kiya jata hai , Annaprashana Sanskar kaise kiya jata hai

हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में ये सातवें नंबर का संस्कार है जानिए इस संस्कार के बारे में विस्तृत जानकारी इस लेख में।

अन्नप्राशन संस्कार कैसे किया जाता है , अन्नप्राशन संस्कार क्या है
अन्नप्राशन संस्कार कैसे किया जाता है , अन्नप्राशन संस्कार क्या है

अन्नप्राशन संस्कार कैसे किया जाता है

सनातन धर्म में यह संस्कार शिशु को पहली बार अनाज की रोटी का निवाला देकर किया जाता है। इस दौरान बच्चे के माता-पिता दोनों एक जगह उपस्थित होकर अपने हाथों से बच्चे को खाना खिलाने की प्रक्रिया का आरंभ करते हैं।

अन्नप्राशन संस्कार क्या है

हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में ये संस्कार भी एक संस्कार है जिसका संबंध शिशु को  पहली बार भोजन कराने से हैं।

अन्नप्राशन संस्कार की विधि

इस संस्कार की विधि सोमवार, बुधवार या गुरुवार के दिन संपन्न करवाने चाहिए अन्यथा शुक्ल पक्ष की द्वितीया , पंचमी , सप्तमी , अष्टमी तथा पूर्णिमा के दिन इस संस्कार को किया जाना श्रेष्ठ माना जाता है। इन सभी तिथियों तथा वर्ग के दिन यह संस्कार पंडित जी की सलाह लेने के बाद पूर्ण करवाना अति उत्तम माना गया है।

ये भी पढ़ें- मुंडन संस्कार करने का शुभ मुहूर्त 2023 , मुंडन संस्कार किस दिन करें

अन्नप्राशन संस्कार कब किया जाता है

यह संस्कार बच्चे को 6 महीने पूर्ण करने के बाद किया जाता है। इस संस्कार को संपन्न करने के बाद बच्चे में कभी भी जीवन में पाचन से संबंधित समस्याएं उत्पन्न नहीं होती है। इस संस्कार की संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद शिशु के माता-पिता को शिशु को प्रणाम करना चाहिए तथा ईश्वर को आभार व्यक्त करना चाहिए।

ऐसा करने से शिशु निरोगी रहेगा संपूर्ण जीवन भर तथा उसे किसी भी प्रकार का कोई कष्ट उत्पन्न नहीं होगा।

लड़की का अन्नप्राशन संस्कार कब करें

लड़की का अन्नप्राशन संस्कार जन्म के बाद पांचवें महीने में किया जाता है जबकि लड़के का छठे महीने में किया जाता है। क्योंकि इन महीनों के अनुसार लड़के तथा लड़की दोनों का पाचन तंत्र सही तरीके से काम करना शुरू कर देता है इसलिए इस समय को अन्नप्राशन संस्कार करने के लिए सर्वोत्तम माना गया है।

Disclaimer: उपयुक्त संस्कार हमने विभिन्न स्त्रोतों के माध्यम से प्राप्त करके लिखा है यदि इसमें किसी प्रकार की कोई त्रुटि होती है तो इसके लिए Gaanvkhabar जिम्मेदार नहीं हैं।

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles