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नक्सली किसे कहते हैं ? , कौन होते हैं नक्सली जो अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं

नक्सली किसे कहते हैं ? , कौन होते हैं नक्सली जो अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं

नक्सली किसे कहते हैं ? , कौन होते हैं नक्सली जो अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं। जानिए संपूर्ण जानकारी।

नक्सली किसे कहते हैं ?

दरअसल नक्सलबाड़ी गांव (पश्चिम बंगाल) के नाम पर नक्सली शब्द की उत्पत्ति हुई है। ऐसा कहा जाता है कि पश्चिम बंगाल के इसी गांव से नक्सलवाद का आरंभ हुआ था। बात लगभग 1960 के आसपास की है जब भारत से अंग्रेज स्वदेश लौट गए थे और उनके स्वदेश लौटने के बाद भी भूमि सुधार से जुड़े विषयों के अंदर खासा परिवर्तन देखने को नहीं मिला था। जिसके चलते बंगाल प्रांत के खेतिहर मजदूर किसान खुद को कमजोर महसूस कर रहे थे।

नक्सली किसे कहते हैं ? , कौन होते हैं नक्सली जो अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं
नक्सली किसे कहते हैं ? , कौन होते हैं नक्सली जो अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं

जिस कारण 1967 में पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी गांव से नक्सलबाड़ी आंदोलन का प्रारंभ हुआ जो हथियारबंद और हिंसक आंदोलन का आरंभ हुआ और इन आंदोलनकारियों को नक्सली नाम दिया गया तथा पूरे आंदोलन को नक्सलवाद का नाम दिया गया और इस पूरे घटनाक्रम का का जन्मदाता नक्सलबाड़ी गांव को ही माना जाता है।

कौन है नक्सली ?

सीधे शब्दों में अपनी मांगों को हिंसक तरीके से तथा सरकारी नियम कानून कायदों के विरुद्ध हथियार उठाकर अपनी मांगे पुरा करने का प्रयास करने वाले अपराधी को नक्सली कहा जाता है।

नक्सलवाद ने आतंकवाद का रूप कैसे धारण किया?

नक्सली तथा नक्सलवाद के आतंकवाद का रूप धारण करने की वजह नक्सलवादी आंदोलन के जनक मजूमदार की जेल में हत्या हो जाना तथा उसके बाद इस आंदोलन के दूसरे नेता कानू सान्याल के द्वारा अकेले पड़ जाने के कारण आत्महत्या करना है।

इन सब वजहों के कारण खेतिहर मजदूरों तथा आंदोलनकारियों में गंभीर गुस्सा उत्पन्न हुआ और इन सब ने देश के अनेक हिस्सों में आगजनी तथा हिंसक घटनाएं की जिसके बाद इसने आतंकवाद का रूप ले लिया।

नक्सली अपराधिक घटनाओं को अंजाम कैसे देते हैं?

देश के अनेक हिस्से आज भी नक्सली और नक्सलवाद की आग से जूझ रहे हैं जो बार-बार कभी देश की सेना पर तो कभी देश के राजनेताओं पर आतंकवाद रुपी हमला करते हैं। जिस कारण देश की सार्वजनिक संपत्ति को तो नुकसान होता ही है लेकिन साथ ही शांतिप्रिय राष्ट्र भारत के मान सम्मान को भी ठेस पहुंचती है।

देश में अब तक सैकड़ों नक्सली हमले हुए हैं जिनमें हजारों की तादाद में भारतीय सैनिकों तथा निर्दोष लोगों को भी जान गवानी पड़ी है।

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