तेजा दशमी का महत्त्व
तेजा दशमी का महत्व , तेजा दशमी का धार्मिक महत्व , तेजा दशमी का ऐतिहासिक महत्व , तेजा दशमी का राजस्थान की संस्कृति की दृष्टि से महत्व
तेजा दशमी का महत्त्व
तेजा दशमी का महत्व विशेष होता है क्योंकि इस दिन लोक देवता वीर तेजाजी ने गायों की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी इसलिए इस दिन का संपूर्ण राजस्थान के अंदर विशेष महत्व होता है और इस दिन राजस्थान के प्रत्येक गांव ढाणी के अंदर वीर तेजाजी की पूजा अर्चना की जाती है।
तेजा दशमी लोक देवता फिर तो जी महाराज के लिए मनाई जाती है और तेजा दशमी के दिन लोकप्रियता वीर तेजाजी महाराज की पूजा अर्चना बड़े ही धूमधाम के साथ कई जगहों पर की जाती है।
और लोक देवता वीर तेजाजी महाराज के भक्त बड़े ही जोश और उत्साह के साथ तेजा दशमी का पर्व मनाया करते हैं। तेजा दशमी के दिन वीर तेजाजी महाराज के मंदिरों के अंदर लाखों की संख्या के अंदर वीर तेजाजी महाराज के श्रद्धालु पधारते है एवं वीर तेजा जी महाराज के दर्शन करते हैं।
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और वीर तेजाजी महाराज से देस परदेस मैं ख़ुशहाली की कामना करते हैं।
वीर तेजाजी महाराज के भक्त इस दिन गले के अंदर साँप लेकर तेजा जी महाराज के मंदिरों में पहुँचते हैं। और बड़े ही धूमधाम के साथ तेजा दशमी के दिन को मनाते हैं और वीर तथा जी महाराज के बरसात चढ़ाते हैं फेरी लगाते हैं और बड़े ही उत्साह उमंग के साथ वह वीर तेजाजी महाराज के मंदिरों पर आते हैं।
वीर तेजाजी महाराज विशेष रूप से जाट जाति के देवता के रूप में भी जाने जाते हैं हालाँकि वीर तेजाजी महाराज को सभी जातियों सभी वर्ग के लोग मनाते हैं उन्हें वीर तेजाजी महाराज से आता है और वीर तेजाजी महाराज उनके भी मंगलकामनाएं पूरी करते हैं।
वीर तेजाजी महाराज की राजस्थान प्रदेश के मुख्य लोग देवताओं में से एक मुख्य लोकदेवता वीर तेजाजी महाराज को माना जाता है वीर तेजाजी महाराज के दो मुख्य दाम एक सुरसुरा एवं दूसरा खरनाल के अंदर स्थित है।
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तेजा दशमी का पर्व हिंदी महीनों के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन मनाया जाता है और इस दिन बड़ा ही धूमधाम के साथ सभी जगह पर तेजा दशमी का पर्व मनाया जाता है ।