संत जसनाथ जी का जीवन परिचय 2024 | जसनाथी संप्रदाय | इतिहास
संत जसनाथ जी का जीवन परिचय 2024 | जसनाथी संप्रदाय | इतिहास , जसनाथ जी का जन्म कब और कहां हुआ ? , जसनाथ जी का बचपन का नाम क्या था ? , जसनाथ जी के गुरु कौन थे ?
संत जसनाथ जी का जीवन परिचय 2024 | जसनाथी संप्रदाय | इतिहास
संत जसनाथ जी का जन्म 1482 ईस्वी में बीकानेर जिले कतरियासर गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम हम्मीर जी जाट तथा माता का नाम रूपा देवी था। तथा उनके गुरु का नाम गोरखनाथ जी और पत्नी का नाम कालल देवी था।
जसनाथ जी का जन्म ज्याणी (जाट) परिवार हुआ था। कतरियासर के निकट गोरख मालिया नामक स्थान पर जसनाथ जी ने 12 वर्षों तक कठोर तपस्या की थी। इनके चमत्कारों से प्रभावित होकर सिकंदर लोदी ने इन्हें 500 बीघा जमीन भेंट की थी।
कोड़ा तथा सिम्भूदड़ा नामक दो रचनाएं जसनाथ जी की प्रमुख रचनाएं हैं। 1506 ईस्वी में मात्र 24 वर्ष की आयु में जसनाथ जी ने कतरियासर गांव में जीवित समाधि ली थी।
संत जसनाथ जी 1504 ई में जसनाथी संप्रदाय की स्थापना की थी। इस संप्रदाय के अनुयायी 36 नियम मानते हैं तथा गले में काली ऊन का धागा रखते हैं और मोर पंख तथा जाल वृक्ष को पवित्र मानते हैं।
जसनाथी संप्रदाय के अनुयायी जाट जाति के होते हैं, जो सिद्ध कहलाते हैं। इस संप्रदाय के साधु परमहंस कहलाते हैं, जिन्हें परमहंस मंडली के नाम से भी जाना जाता है।
जसनाथी संप्रदाय की मुख्य पीठ कतरियासर (बीकानेर) में है। इसके अतिरिक्त भी इस संप्रदाय की पांच पीठें लिखमादेसर, पूनासर, बमल, मालासर तथा पांचला सिद्धा नागौर में है। इस संप्रदाय में कुल 108 धाम है।
जसनाथ जी का बचपन का नाम क्या था ?
संत जसनाथ जी का बचपनका नाम जसवंत था। तथा इन्होंने तब और यज्ञ करके गुरु से दीक्षा प्राप्त की थी जिसके बाद इनका नाम जसनाथ जी रखा गया।