राणी सती माता का जीवन परिचय 2024 | मंदिर | कहानी | इतिहास
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राणी सती माता का जीवन परिचय 2024 | मंदिर | कहानी | इतिहास
दादी माता के उपनाम से प्रसिद्ध राणी सती माता का वास्तविक नाम नारायणी बाई है। इस माता के पति का नाम तनधनदास था। जो हिसार के नवाब से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे।
राणी सती माता का मेला प्रतिवर्ष भाद्रपद अमावस्या के दिन यानी कि सतीया अमावस्या के दिन आयोजित होता है। लेकिन राज्य सरकार द्वारा वर्तमान समय में इस मेले पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जो वर्ष 1986-87 से लगा हुआ है।
राणी सती माता के परिवार की कुल 13 महिलाएं सती हुई थी। सती प्रथा को सह मरण (पति के साथ मरना) नाम से भी जाना जाता है। राजस्थान में सती प्रथा का प्रथम उल्लेख घटियाल शिलालेख जोधपुर से मिलता है।
सती द्वारा दिया जाने वाला वरदान अणख कहलाता है।
राणी सती माता किसकी कुलदेवी है ?
राणी सती माता अग्रवाल जाति की कुलदेवी है। इस माता की मान्यता झुंझुनू जिले में अधिक है।