वाकल माता/ विरात्रा/ विरातरा माता का जीवन परिचय 2024| मंदिर | कहानी | इतिहास
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वाकल माता/ विरात्रा/ विरातरा माता का जीवन परिचय 2024| मंदिर | कहानी | इतिहास
वाकल माता को ही विरात्रा तथा विरातरा माता के नाम से जाना जाता है। यह माता देवी हिंगलाज माता का रूप मानी जाती है।
इस माता के आसपास का क्षेत्र यानी कि चौहटन क्षेत्र गोंद उत्पादन के लिए संपूर्ण भारत में प्रसिद्ध है तथा इसी चौहटन में प्रसिद्ध सुइयां मेले का आयोजन होता है। जिसे राजस्थान तथा मारवाड़ का अर्ध कुंभ कहा जाता है।
वाकल माता/ विरात्रा/ विरातरा माता किसकी कुलदेवी है ?
यह माता भौपों की कुलदेवी है। तथा यह माता चौहटन क्षेत्र के लोगों की आराध्य देवी है। इस माता की मान्यता मुख्य रूप से राजस्थान के बाड़मेर जिले में है।
वाकल माता/ विरात्रा/ विरातरा माता का मंदिर कहां है ?
इस माता का मंदिर राजस्थान के बाड़मेर जिले की चौहटन तहसील में है। लोकमान्यताओं के अनुसार इस माता के मंदिर का निर्माण उज्जैन के शासक विक्रमादित्य ने करवाया था। इस माता का मंदिर बेहद ही प्राचीन और दर्शनीय है।