लोक देवता रामदेव जी का जीवन परिचय 2024 | Ramdev Ji biography in Hindi
लोक देवता रामदेव जी का जीवन परिचय 2024 | Ramdev Ji biography in Hindi , लोक देवता रामदेव जी का जन्म कब और कहां हुआ ? , लोक देवता बाबा रामदेव जी ने समाधी कब तथा कहां ली ?

लोक देवता रामदेव जी का जीवन परिचय 2024 | Ramdev Ji biography in Hindi
लोक देवता बाबा रामदेव को दर्शन का अवतार माना जाता है तथा इनको अर्जुन का वंशज मानते हैं। इनकी संपूर्ण राजस्थान में गहरी मान्यता है तथा इन्हें पीरों का पीर कहा जाता है।
लोक देवता बाबा रामदेव ने पंच पीपली नामक स्थान पर मक्का से आए मुस्लिम संतो को पर्चा दिया था। बाबा रामदेव ने मूर्ति पूजा का भी विरोध किया था।
लोक देवता रामदेव जी का जन्म कब और कहां हुआ ?
लोक देवता बाबा रामदेव का जन्म 1352 ई (विक्रम संवत 1409) भाद्रपद शुक्ल द्वितीया के दिन बाड़मेर जिले की शिव तहसील के उण्डुकाश्मेर गांव में हुआ था।
लोक देवता बाबा रामदेव जी ने समाधी कब तथा कहां ली ?
भाद्रपद शुक्ल एकादशी के दिन लोक देवता बाबा रामदेव जी ने जैसलमेर जिले के पोकरण में स्थित रुणिचा गांव में जीवित समाधि ली थी।
लोक देवता बाबा रामदेव के माता-पिता का नाम
रामदेव जी के पिता का नाम अजमल जी तंवर तथा माता का नाम मैणा दे था। इनका पालन पोषण इन्हीं के सानिध्य में संपूर्ण हुआ था।
रामदेव जी के गुरु कौन थे ?
लोक देवता बाबा रामदेव की संपूर्ण शिक्षा उनके गुरु बालीनाथ जी के सानिध्य में संपन्न हुई थी।
लोक देवता लोक देवता बाबा रामदेव की धर्म बहन कौन थी ?
छुआछूत को खत्म करने के लिए लोक देवता बाबा रामदेव ने मेघवाल जाति की डाली बाई को अपनी धर्म बहन बनाया था। रामदेव जी की बहन डोली बाई ने जैसलमेर जिले के पोकरण के निकट रुणिचा (रामदेवरा) नामक स्थान पर भाद्रपद शुक्ल दसमी के दिन समाधि ली थी।
लोक देवता बाबा रामदेव की पत्नी का नाम
बाबा रामदेव की पत्नी का नाम नेतल दे था।
लोक देवता बाबा रामदेव के घोड़े का नाम
बाबा रामदेव का घोड़ा नीले रंग का था। जिसे बाबा रामदेव लीला घोड़ा कहते थे।
लोक देवता बाबा रामदेव की बहन का नाम
सुगना बाई लोक देवता बाबा रामदेव की सगी बहन थी।
लोक देवता बाबा रामदेव की शिष्या का नाम
लोक देवता बाबा रामदेव की शिष्या का नाम आई माता है। जिनका वर्तमान समय में जोधपुर जिले के बिलाड़ा नामक स्थान पर मंदिर बना हुआ है।
रामदेव जी से संबंधित शब्दावली
पगल्या– पद चिन्ह
प्रतीक- पगल्या
ब्यावला- रामदेव जी के गीत। इनके दौरान तंदूरा वाद्य यंत्र बजाया जाता है तथा सभी लोक देवताओं में सबसे लंबा गीत रामदेव जी का ही है।
देवरा- रामदेव जी के कच्चे मंदिर को देवरा कहा है।
पर्चा- रामदेव जी के द्वारा किए गए चमत्कारों को पर्चा के नाम से जाना जाता है।
फूल /पातड़ी- रामदेव जी के भक्तों द्वारा गले में पहने जाने वाले सोने चांदी के प्रतीक चिह्न या आभूषण फूल /पातड़ी कहलाते हैं।
ताख/ताक- घर का वह स्थान जहां रामदेव जी के पगलिया रखकर उनकी पूजा की जाए उसे ताख/ताक कहते हैं।
रिखिया- रामदेव जी के मेघवाल जाति के भक्तों को रखिया कहते हैं।
नेजा- रामदेव जी की पांच रंगों से बनी ध्वज को नेजा कहते हैं।
आण- रामदेव जी के भक्तों द्वारा ली जाने वाली कसम (सौगन) को आण कहते हैं।
जातरू- रामदेव जी के मंदिर तक पैदल जाने वाली यात्रियों को जातरू कहते हैं।
जम्मा/जम्मो- लोक देवता बाबा रामदेव जी की स्मृति में किए जाने वाले रात्रि जागरण को जम्मा/जम्मो कहते हैं।
रामदेव जी की प्रमुख रचना
रामदेव जी एकमात्र ऐसे लोक देवता लोक देवता है, जो लोक देवता के साथ-साथ कवि भी थे। लोक देवता रामदेव जी की प्रमुख रचना चौबीस वाणिया है, जो मारवाड़ी में लिखी गई है।
लोक देवता बाबा रामदेव जी के जीवन पर लिखी हुई प्रमुख रचनाएं
रामदेव चरित्र/चरित्र – इस ग्रंथ की रचना रूद्र सिंह तोमर ने की थी।
रामदेव जी री वेली – इसकी रचना पूनम चंद ने की थी।
रामदेव जी का ब्यावला – इस ग्रंथ की रचना हरजी भाटी ने की थी जो लोक देवता बाबा रामदेव के प्रिय भक्त थे।
रामदेव जी की फड़/पड़
लोक देवता बाबा रामदेव जी की फड़ चौथमल चितेरा ने बनाई थी। इनकी फंड का वाचन मेघवाल भोपें तथा कामड़ भोपें रावण हत्था वाद्य यंत्र के साथ करते हैं।
जम्मा जागरण आंदोलन किसने चलाया
रामदेव जी ने सामाजिक जन जागृति के लिए जम्मा जागरण आंदोलन चलाया था।
शुद्धि आंदोलन के प्रवर्तक कौन है ?
लोक देवता बाबा रामदेव जी ने हिंदू धर्म के उत्थान के लिए शुद्धि आंदोलन चलाया था। इसलिए इनको शुद्धि आंदोलन का प्रवर्तक माना जाता है।
कमड़िया पंथ की स्थापना किसने की थी ?
इस पंथ की स्थापना रामदेव जी ने की थी। कामड़ पंथ की महिलाओं द्वारा रामदेव जी की आराधना में तेरहताली नृत्य किया जाता है।
लोक देवता रामदेव जी के समकालीन कौन था ?
लोक देवता बाबा रामदेव के समकालीन मारवाड़ के शासक मल्लिनाथ जी थे। जिन्होंने इनको पोकरण की जागीर दी थी।
रामदेव जी ने किस तालाब का निर्माण करवाया ?
जैसलमेर के रुणिचा नामक स्थान पर लोक देवता बाबा रामदेव ने रामसरोवर तालाब का निर्माण करवाया था।
पर्चा बावड़ी/ पाताल बावड़ी कहां है ?
यह बावड़ी जैसलमेर जिले के रुणिचा वर्तमान में रामदेवरा नामक स्थान पर है। इस बावड़ी का निर्माण रामदेव जी के भक्त बोयत बणिया ने करवाया था।
लोक देवता बाबा रामदेव के प्रमुख मंदिर
लोक देवता रामदेव जी का प्रमुख तथा मुख्य मंदिर राजस्थान के जैसलमेर जिले की पोकरण तहसील के रुणिचा (रामदेवरा) नामक स्थान पर है। इसी स्थान पर भाद्रपद शुक्ल एकादशी को रामदेव जी ने जीवित समाधि ली थी। इस मंदिर का निर्माण पीले पत्थरों से 1931 में बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह द्वारा करवाया गया था।
लोक देवता बाबा रामदेव का मेला कब और कहां लगता है ?
बाबा रामदेव का मेला भाद्रपद शुक्ल द्वितीया से भाद्रपद शुक्ल एकादशी तक रुणिचा (रामदेवरा) में लगता है। इस मेले को मारवाड़ का कुंभ कहा जाता है। यह मेला राजस्थान में सांप्रदायिक सद्भावना का सबसे बड़ा मेला है।
रामदेव जी के अन्य मंदिर
- छोटा रामदेवरा- यह मंदिर गुजरात के जूनागढ़ नामक स्थान पर बना हुआ है।
- अधर शिला मंदिर- यह मंदिर जोधपुर जिले की मसूरिया पहाड़ी पर बना हुआ है, जो की लोक देवता रामदेव जी के गुरु बालिनाथ जी की स्मृति में बनाया गया है। इन्हें कुष्ठ रोग का निवारक भी कहा जाता है।
- सूरता खेड़ा मंदिर- लोक देवता रामदेव जी का यह मंदिर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में है।
- बिराठिया मंदिर- यह मंदिर पाली जिले के बर नामक स्थान पर है।
- खुण्ड़ियास मंदिर- यह भव्य मंदिर राजस्थान के अजमेर जिले में बना हुआ है। जिसे दूसरा रामदेवरा कहा जाता है।
- उण्डुकाश्मेर मंदिर- यह मंदिर राजस्थान के बाड़मेर जिले की शिव तहसील में स्थित है।