मौनी अमावस्या की पूजा विधि से संबंधित जानकारी
इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे मौनी अमावस्या की पूजा विधि से संबंधित जानकारी तथा मौनी अमावस्या की पूजा कैसे की जाती है और मौनी अमावस्या के दिन पूजा करने से क्या होता है ?
मौनी अमावस्या की पूजा विधि से संबंधित जानकारी
मौनी अमावस्या हर वर्ष माघ मास के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि यानी अमावस्या के दिन मनाई जाती है। मौनी अमावस्या हिंदू धर्म के अंदर बड़े ही धूम – धाम से मनाई जाती हैं।
अब हम आपको बताते है मौनी अमावस्या को सही तरीके से कैसे मनाए –
मौनी अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और उठाकर मौनी अमावस्या का अनुसरण करें और भगवान का अनुसरण करें।
बाद में पानी के अंदर गंगाजल डालकर स्नान करें और स्नान करते समय अमावस्या और भगवान को याद जरूर करें स्नान करने के बाद आप जो वस्त्र पहनें वह लाल रंग के पहने और एक तांबे का लोटा ले और उसमे पानी भरे उसमे काले तिल और गंगाजल डाले और वह जल सूर्य देव को चढ़ाएं।
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और साथ में पानी के अंदर लाल फूल भी डाले।उसके बाद मौन रहने का संकल्प ले अगर आपको लगता है कि आप लोग पूरे दिन मौन नहीं रह पाओगे तो फिर आप सवा घंटे तो मौन अवश्य रहे।
अगर आप पूरे दिन मौन रहेंगे तो आपके साथ कुछ ही दिनों के अंदर बहुत ही अच्छा होगा। मौनी अमावस्या के दिन अगर आप गरीबों को दान करोगे तो आपको बहुत ज्यादा पुण्य होगा।
मौनी अमावस्या के दिन अगर आप किसी को दान करते है तो आपके पाप मिटते है और आपके जीवन में खुशहाली ही खुशहाली आती है जिससे आप बहुत सुखी रहते है।
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मौनी अमावस्या के अंदर स्नान का महत्व बहुत ज्यादा है।आपको मौनी अमावस्या के दिन ब्राह्मणों को दान देना चाहिए जिससे आपको बहुत ज्यादा पुण्य मिलता है।
मौनी अमावस्या महत्वपूर्ण अमावस्याओं में से एक अमावस्या है मौनी अमावस्या आती है तो देश और प्रदेश के अंदर खुशहालियां लेकर आती है।
अगर आप जीवन में सुख और समृद्ध रहना चाहते हो तो आप मौनी अमावस्या का व्रत जरूर रखें।