हरियाली अमावस्या कब और क्यों मनाई जाती है ?
श्रावण के महीने में हरियाली अमावस्या मनाई जाती है लेकिन क्या आप जानते हैं हरियाली अमावस्या कब और क्यों मनाई जाती है ? तथा हरियाली अमावस्या का महत्व क्या होता है ?

हरियाली अमावस्या कब और क्यों मनाई जाती है ?
हिंदू वर्ष के श्रावण मास की अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या मनाई जाती है। हरियाली अमावस्या का पर्व राजस्थान, पंजाब, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश राज्य में मुख्य रूप से हरियाली के आगमन के कारण मनाया जाता है।
हरियाली अमावस्या के दिन किसान अपने खेतों में अच्छी शगुन करता है तथा इस दिन वृक्षारोपण करना अति उत्तम माना जाता है ऐसी मान्यता है कि हरियाली अमावस्या के दिन जो भी व्यक्ति पौधा लगाता है उसे शुभ फल की प्राप्ति होती है।
हरियाली अमावस्या के दिन पीपल तथा खेजड़ी के की पूजा करने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। सनातन धर्म में अनेक वृक्षों में देवताओं का निवास बताया जाता है इसलिए ही इस दिन वृक्षों की पूजा की जाती है।
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हरियाली अमावस्या के दिन किसान गुड़ तथा गेंहू की धानी का प्रसाद वितरण करके एक दूसरे को शुभकामनाएं प्रदान करते हैं। तथा इस दिन किसान अपने कृषि के अंदर काम आने वाले सभी प्रकार के औजारों की भी पूजा-अर्चना करता है।
हरियाली अमावस्या का महत्व
हिंदू धर्म में प्रतिवर्ष में 24 अमावस्या आती है किंतु इन सभी अमावस्याओं में हरियाली अमावस्या का विशेष महत्व होता है। पीपल तथा आंवले के वृक्ष की पूजा करने से मनोकामना पूर्ण होती है। धार्मिक ग्रंथों तथा वेदों के अनुसार हरियाली अमावस्या के दिन वृक्ष लगाने वाले तथा वृक्षों की पूजा करने वाले लोगों को शुभ फल की प्राप्ति होती है।
हरियाली अमावस्या के दिन जो किसान अपने कृषि के औजारों की पूजा अर्चना करते हैं उन किसानों को अच्छी फसल प्राप्त होती है तथा उनकी फसल मानसून के चलते प्रभावित नहीं होती है और अच्छी पैदावार होती है।