कर्म कैसे बिगड़ते हैं , karm kaise bigadate hain
इस लेख में आप जानेंगे कि कर्म कैसे बिगड़ते हैं , कर्म बिगड़ने के कारण क्या है , कर्म क्यों बिगड़ते हैं से संबंधित विस्तृत जानकारी।

मनुष्य अनेक बार अपने जीवन में ऐसे कार्य करने लगता है जिसक दुष्परिणामों का उसको पता नहीं होता है और इसका फर्क उसकी सेहत के साथ-साथ मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है। इसलिए इस आर्टिकल में हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि वास्तु शास्त्र के अनुसार क्या करना सही होता है तथा क्या करना गलित होता है कर्मों के अनुसार।
कर्म कैसे बिगड़ते हैं
वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन करने वाले लोगों के कर्म जल्दी बिगड़ते हैं तथा वे अपने मार्ग से भटक जाते हैं।
भोजन करने के बाद थाली केंद्र हाथ धोने से भी व्यक्ति के कर्मों पर असर पड़ता है और इसे बुरा असर माना जाता है जो व्यक्ति खाना खाने के बाद थाली में हाथ धोता है उसे वास्तु शास्त्र में अनुकूल नहीं माना जाता है।
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जब हम कहीं भी किसी के भोज करने के लिए जाते हैं और उसके अंदर यदि कोई कमी निकालते हैं तो इसका फर्क भी हमारे कर्मों पर पड़ता है इसलिए ऐसा नहीं करना चाहिए।
किसी भी व्यक्ति को दक्षिण दिशा की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए ऐसा करने से भी व्यक्ति के कर्मों पर असर होता है और अनेक प्रकार की व्याधियां बढ़ती है।
जब कोई भी व्यक्ति अपने बाल कटवा ता है तथा उसके बाद में स्नान नहीं करता है तो इसे भी वास्तु शास्त्र के अनुसार गलत माना जाता है तथा इसका असर भी व्यक्ति के कर्मों पर पड़ता है।
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जब कोई भी व्यक्ति की रात या दिन के समय नाखून जब आता है तो उसका फर्क उसके कर्मों पर पड़ना निश्चित होता है क्योंकि नाखून चबाना वास्तु शास्त्र के अनुकूल नहीं होता है।
रात्रि के समय वस्त्र धोकर बाहर सुखाना भी शुभ नहीं माना जाता है ऐसा करने वाले जातकों को भय से संबंधित समस्याएं उत्पन्न होती है।
कभी भी व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति से वस्त्र मांग कर धारण नहीं करना चाहिए ऐसा करना अशुभ होता है।