कल्पवृक्ष मेला कब और कहां लगता है ?
कल्पवृक्ष मेला कब और कहां लगता है ? तथा कल्पवृक्ष मेले की प्रमुख विशेषता क्या है ? और कल्पवृक्ष मेले का मुख्य आकर्षण का केंद्र क्या है ?
कल्पवृक्ष मेला कब और कहां लगता है ?
कल्पवृक्ष मेला श्रावण अमावस्या के दिन अजमेर जिले के मांगलियावास नामक स्थान पर लगता है। मांगलियावास में यह मेला बड़े ही धूमधाम के साथ चलता है। सैकड़ों वर्ष प्राचीन यह मेला अपने आप में एक विशेष मिला है जो कि कल्पवृक्ष की कथा की व्याख्या करता है।
मांगलियावास में लगने वाले इस मेले में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा तथा मध्य प्रदेश से अनेक श्रद्धालु भाग लेने आते हैं। संपूर्ण उत्तरी भारत में इस मेले का विशेष लगाव है।
कल्पवृक्ष मेले की प्रमुख विशेषता क्या है ?
कल्पवृक्ष मेले की प्रमुख विशेषताओं सांप्रदायिक सद्भावना है। इस मेले में हिंदू ,मुस्लिम, सिख ईसाई तथा सभी संप्रदायों के लोग भाग लेते हैं और कल्पवृक्ष का ध्यान करते हुए अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की कामना करते हैं।
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कल्पवृक्ष मेले के अंदर जो भी श्रद्धालु आते हैं उन सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती है तथा इस मेले में जो व्यक्ति पवित्र तालाब के अंदर स्नान करता है उस व्यक्ति के सभी प्रकार के कष्ट और दुख दूर होते हैं।
कल्पवृक्ष मेले का मुख्य आकर्षण का केंद्र क्या है ?
कल्पवृक्ष मेले का मुख्य आकर्षण का केंद्र मेले में आने वाले सभी संप्रदायों की एकता है। इसके अतिरिक्त इस मेले के अंदर किया जाने वाला नृत्य भी इस मेले की शोभा में चार चांद लगाने का कार्य करता है।
मांगलियावास में आयोजित होने वाले इस मेले में आने वाले श्रद्धालु एक दूसरे श्रद्धालुओं से गले मिलते हैं यह भी इस मेले में एक मुख्य आकर्षण का केंद्र होता है क्योंकि बिना किसी जातिगत भेदभाव के इस मेले में सभी श्रद्धालु एक दूसरे के गले लगते हैं।
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सांप्रदायिक सद्भावना का प्रतीक किया मेला संपूर्ण उत्तरी भारत के अंदर सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देता है तथा जातिगत भेदभाव को कम करता है।