कजली तीज कब मनाईं जाती है ?
कजली तीज कब मनाईं जाती है ? तथा बड़ी तीज कब मनाई जाती है और बूढ़ी तीज को किस नाम से जाना जाता है ? एवं कजली तीज का त्योहार कहां का प्रसिद्ध है?
कजली तीज कब मनाईं जाती है ?
भाद्रपद माह को त्योहारों का माह कहा जाता है इस महीने में अनेक व्रत तथा त्योहारों का आगमन होता है जिसमें से एक है कजली तीज/ बड़ी तीज/ बूढ़ी तीज/ सातुड़ी तीज का त्यौहार।
कजली तीज का त्यौहार का भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि (भाद्रपद कृष्ण तृतीया) को मनाया जाता है। इस दिन सातु खाने का विशेष महत्व होता है।
कजली तीज को ही बड़ी तीज के नाम से जाना जाता है बड़ी तीज का त्यौहार भी भाद्रपद कृष्ण तृतीया को ही बड़े ही हर्षो उल्लास के साथ मुख्य रूप से राजस्थान के हाडोती क्षेत्र में मनाया जाता है।
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कजली तीज को ही बूढ़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को सातुड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है। सातुड़ी तीज के नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि इस दिन सातु खाने का विशेष महत्व होता है और व्रत रखने वाली स्त्रियां इस दिन सातु खाकर ही व्रत खोलती है।
कजली तीज का त्योहार प्रमुख रूप से बूंदी जिले का प्रसिद्ध है इस दिन बूंदी जिले में तीज माता की सवारी निकाली जाती और इस सवारी के अंदर बूंदी जिले के सैकड़ो श्रद्धालु भाग लेते हैं और माता के समक्ष अपनी मनोकामनाएं रखते हैं।
ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों को संतान की प्राप्ति नहीं होती है यदि वे लोग कजली तीज के दिन यदि तीज माता की सवारी के दर्शन कर लेते हैं तो उनको संतान प्राप्ति हो जाती है तथा बांझपन की समस्या से भी छुटकारा मिल जाता है।