Ganga dashara Puja Vidhi , गंगा दशहरा पूजा विधि
आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे Ganga dashara Puja Vidhi , गंगा दशहरा पूजा विधि तथा गंगा दशहरा की पूजा सामग्री और पूजन विधि से संबंधित जानकारी।
Ganga dashara Puja Vidhi , गंगा दशहरा पूजा विधि
हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का व्रत तथा पूजा की जाती है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा मैया का आगमन धरती पर हुआ था।
गंगा दशहरे के दिन सर्वप्रथम स्नान इत्यादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करनी चाहिए और इसके बाद में भगवान शिव तथा माता गंगा की पूजा प्रारंभ करनी चाहिए।
जब हम गंगा जी की पूजा करते हैं तो उससे पहले सर्वप्रथम भगवान शिव की पूजा की जाती है क्योंकि भगवान शिव ने माता गंगा को अपनी जटाओं में धारण कर रखा है। इसलिए गंगा दशहरा के दिन सर्वप्रथम भगवान शिव की पूजा करें।
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गंगा दशहरा के दिन गंगा जी की पूजा कच्चे दूध, रोली, मोली तथा चावल और नारियल तथा पतासे से करनी चाहिए और दक्षिणी दिशा की ओर धूपबत्ती करनी चाहिए।
गंगा दशहरा के दिन अपने घर के सभी पुरुषों के अनुसार एक 1 किलो आटे का चूरमा और पूडी़ बनाकर भगवान हनुमानजी को भोग लगाना चाहिए तथा इसके प्रसाद को ब्राह्मणों और गरीबों के अंदर बांट देना चाहिए।
ऐसा करने से मां गंगा भी प्रसन्न होती है और पूजा करने वाले जातकों की मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है। इसलिए गंगा दशहरा की आसान पूजा विधि से आप भी गंगा मैया की पूजा कर सकते हैं।
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गंगा दशहरा की पूजा सामग्री
गंगा दशहरे के दिन माता गंगा की पूजा के लिए गंगाजल , कच्चे दूध , रोली, मोली, चावल , पताशे , धूपबत्ती , श्रीफल , गेहूं का आटा , तेली इत्यादि पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है।