गांव की चौपाल
गांव की चौपाल की बात करू तो पुराने दिन याद आ जाते हैं , जब गांव के बस 100 साल पुराने बरगद के पेड़ के नीचे 15- 20 पुराने दोस्त जो कि अब पड़ोसियों के रूप में बदल गए हैं, बैठे हुए आपस में गपशप लगाते नजर आते थे , उनकी उम्र भी करीब 70- 75 वर्ष हुआ करती थी । जब कभी मैं गांव की चौपाल के पास से गुजरता तो मुझे जहन में यही आता कि क्या कभी मैं भी इन चौपालों में शामिल हो पाऊंगा । लेकिन अब लगता है कि मैं कभी भी गांव की चौपाल में शामिल नहीं हो पाऊंगा ।
आपमें से ज्यादातर लोगों को पता नहीं होगा कि चौपाल क्या होती है ?

चौपाल उसे कहते हैं , जहां बैठक आयोजित हो और क्षेत्र चारों ओर से खुला हो , यहां पर गांव के लोग बैठकर देश – विदेश की बातें करते या फिर गांव के भविष्य के बारे में चर्चा करते ।
आसान भाषा में मैं कह सकता हूं कि बरगद के नीचे 4-5 चारपाइयों पर बैठे वे बुजुर्ग चौपाल का हिस्सा होते हैं ।
लेकिन धीरे-धीरे गांव की चौपाल सिमटती दी जा रही है , और घर में शाम को खाना होते वक्त हर घर की चौपाल वहीं पर आयोजित होती हैं ।
पर अब शायद गांव की चौपाल , फिर से जिंदगी नहीं हो पाएगी ।
बड़ा दुख होता है यह कहते हुए की मेरे देश की सबसे सच्ची न्याय प्रणाली आज खत्म हो रही हैं ।
इन चौपालों में लिए गए निर्णय पर शायद कभी अपील नहीं की जाती , इन सवालों के निर्णय में इंसानियत जिंदा नजर आती थी ।
मगर आज न्याय प्रणाली में इंसानियत से ज्यादा पैसों का महत्व नजर आता है , क्या मेरे देश में फिर से , क्या मेरे गांव में फिर से , उस बरगद के पेड़ के नीचे चौपाल बैठ पाएगी ।
खैर यह सोच कर भी क्या करना , क्योंकि चौपाल में बैठने का समय भी किसके पास रह गया ?
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP)
राजस्थान में आरएलपी (RLP), क्या पंजाब में आप (APP) की तरह परिणाम दे पाएगी ?
Election News 2022 : चार राज्यों में भाजपा , एक राज्य में आम आदमी पार्टी लहराएगी परचम
Election Live Result 2022 : यूपी में बीजेपी , पंजाब में आम आदमी पार्टी ने सबको चौंकाया