लोक देवता वीर तेजाजी का जीवन परिचय 2024 , Veer Tejaji biography in Hindi
लोक देवता वीर तेजाजी का जीवन परिचय 2024 , Veer Tejaji biography in Hindi , वीर तेजाजी का जन्म कब और कहां हुआ ? , वीर तेजाजी की घोड़ी का क्या नाम है ?
लोक देवता वीर तेजाजी का जीवन परिचय 2024 , Veer Tejaji biography in Hindi
लोक देवता वीर तेजाजी राजस्थान के सर्वाधिक लोकप्रिय लोक देवता है। इनको गौ रक्षक तथा गायों के मुक्तिदाता और कृषि कार्यों के उपकारक देवता के रूप में पूजा जाता है।
वीर तेजाजी को सर्प रक्षक, नारू रोग निवारक तथा काला और बाला के देवता के उपनाम से संबोधित किया जाता है। उनकी मान्यता संपूर्ण राजस्थान में किसानों की आराध्य देव के रूप में है।
सुरसुरा (अजमेर) नामक स्थान पर भाद्रपद शुक्ल दशमी को लोक देवता वीर तेजाजी वीरगति को प्राप्त हुए थे। अजमेर जिले के प्रत्येक गांव में तेजाजी का मंदिर होता है तथा तेजाजी के मंदिर को थान कहा जाता है, जबकि इनके पुजारी को घोडला कहा जाता है।
वीर तेजाजी सहरिया जनजाति के आराध्य देवता है। सहरिया जनजाति के लोग अपने घर के आगे तेजाजी का मंदिर बनाते हैं। वीर तेजाजी देवनारायण जी के बाद दूसरे ऐसे लोक देवता है जिन पर भारत सरकार द्वारा वर्ष 2010-11 में ₹5 का डाक टिकट जारी किया गया था।
मारवाड़ में किसान खेती करते समय तेजाजी के गीत गाते हैं जिसे तेज़ाटेर कहा जाता है। तेजाजी के गीतों में अलगोजा बजाते हैं तथा इनके गीतों के दौरान तेजा नृत्य किया जाता है।
लोक देवता वीर तेजाजी का जीवन परिचय 2024
जन्म तिथि- 1073 ई माघ (शुक्ल चतुर्दशी)
जन्म स्थान- खरनाल (नागौर)
पिता- ताहड़ जी
माता- रामकुंवरी
बहन- राजल
पत्नी- पेमल
ससुर- रायमल
ससुराल- पनेर (अजमेर)
घोड़ी- लीलण/ सिणगारी
प्रतीक चिन्ह- तलवार लिए अश्वारोही
लोक देवता वीर तेजाजी का जन्म नागवंशीय जाट जाति के धोलिया गोत्र में हुआ था। इन्होंने लाछा गुर्जरी की गायों की रक्षा के लिए मंडावरिया ( अजमेर) नामक स्थान पर मेर के मीणाओं से युद्ध लड़ा था।
वीर तेजाजी के प्रमुख मंदिर
लोक देवता वीर तेजाजी का मुख्य मंदिर नागौर जिले के खरनाल में स्थित है जहां पर वीर तेजाजी का जन्म हुआ था। इसके अतिरिक्त लोक देवता वीर तेजाजी का दूसरा मुख्य मंदिर सुरसुरा (अजमेर) में है जहां पर वीर तेजाजी वीरगति को प्राप्त हुए थे। वीर तेजाजी का एक अन्य प्रसिद्ध मंदिर नागौर जिले के भावंता नामक स्थान पर है।
लोक देवता वीर तेजाजी का मेला कब और कहां लगता है ?
वीर तेजाजी का मेला प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल दशमी (तेजा दशमी) के दिन खरनाल (नागौर) तथा सुरसुरा (अजमेर) में लगता है।
वीर तेजाजी की प्रमुख कार्यस्थली – बांसी दुगारी (बूंदी)
वीर तेजाजी की पवित्र स्थली- परबतसर (नागौर)
वीर तेजाजी पशु मेला- यह पशु मेला प्रतिवर्ष श्रावण पूर्णिमा तथा भाद्रपद अमावस्या के दिन नागौर जिले के परबतसर नामक स्थान पर लगता है।