वास्तु के अनुसार मुख्य द्वार को कैसे ठीक करे । Vastu ke anusar mukhya darwaje ko kaise theek kare
वास्तु के अनुसार मुख्य द्वार को कैसे ठीक करे , Vastu ke anusar mukhya darwaje ko kaise theek kare ,mukhya darwaje ko kaise theek kare ,Ghar ke mukhya darwaje ko kaise theek kare

घर में कोई भी दरवाजा लगाते हैं तो उससे पहले उसके लगाने का शुभ समय दिशा तथा मुहूर्त देखा जाता है और इस लेख में हम आज आपको बताएंगे घर के मुख्य दरवाजे के बारे में विस्तृत जानकारी।
वास्तु के अनुसार मुख्य द्वार को कैसे ठीक करे । Vastu ke anusar mukhya darwaje ko kaise theek kare
वास्तु के अनुसार घर के मुख्य द्वार को ठीक करने के कुछ आसान उपाय निम्न है-
- यदि आपके घर का मुख्य लाल, पीला या सफेद रंग का है तो इसे वास्तु शास्त्र के अनुसार अशुभ माना गया है, इसलिए दरवाजे को भूरा ,लाल तथा हरे रंग का करवाएं
- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मुख्य द्वार हमेशा उत्तर-पूर्व या पश्चिम दिशा के अंदर होना चाहिए।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार को दक्षिण दिशा कि और नहीं रखना चाहिए क्योंकि इस दिशा को वास्तु शास्त्र के अनुसार अशुभ माना गया है।
- घर का मुख्य दरवाजा वास्तु शास्त्र के अनुसार चार चोखट वाला होना चाहिए क्योंकि ऐसा दरवाजा हमेशा सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
- घर का मुख्य प्रवेश द्वार घर में स्थित अन्य द्वारा से बड़ा होना चाहिए। तथा मुख्य द्वार के ऊपरी भाग पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए।
- दरवाजा हमेशा वास्तु शास्त्र के अनुसार ही लगाएं।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मुख्य द्वार कभी भी बाहर की ओर नहीं खुलना चाहिए क्योंकि इसे अशुभ माना गया है इसलिए ध्यान रहे कि हमेशा घर के मुख्य द्वार को अंदर की ओर ही खोलें।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार दो पल्लड़ वाला ही होना चाहिए तथा लकड़ी से निर्मित की मुख्य द्वार लगाना चाहिए। तथा मुख्य द्वार पर कोई भी धार्मिक चिन्ह लगाना चाहिए।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार पर सुबह ईश्वर को जल चढ़ाने के बाद उसमें जो शेष जल बचता है उसका छिड़काव करना चाहिए ऐसा करने से घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न नहीं होती है।
- घर के मुख्य द्वार के ऊपर कोई भी अच्छी सी बांदरवाल बनाकर लगानी चाहिए। तथा दरवाजे को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए।
- घर के मुख्य द्वार पर दहलीज अवश्य होनी चाहिए क्योंकि दहलीज पूजन की परंपरा सनातन धर्म मैं प्राचीन काल से ही चली आ रही है।
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Disclaimer: घर के मुख्य द्वार से संबंधित यह जानकारी हमारे द्वारा विभिन्न वास्तु शास्त्र के माध्यम से प्राप्त करके आपके साथ साझा की गई है यदि इसमें किसी भी प्रकार की कोई भी त्रुटि होती है तो इसके लिए Gaanvkhabar जिम्मेदार नहीं होगा।