सुंदरकांड का पाठ करवाने के फायदे
भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए सुंदरकांड का पाठ करवाया जाता है इस आर्टिकल में जानिए सुंदरकांड का पाठ करवाने के फायदे तथा सुंदरकांड का पाठ क्यों करवाया जाता है ? और सुंदरकांड का पाठ करवाने से क्या होता है ?

सुंदरकांड का पाठ करवाने के फायदे
भगवान हनुमान यानी कि कलयुग के संकटहर्ता और बल दाता। इन्हें खुश करने के लिए सुंदरकांड के पाठ का वाचन होता है इसका वचन करवाने वाली व्यक्ति के सभी संकट और कष्ट दूर होते हैं।
सुंदरकांड का पाठ करवाने से घर में व्याप्त अशांति तथा नकारात्मक ऊर्जा और दुख दूर होते हैं। तथा घर में मां लक्ष्मी की कृपा भी सुंदरकांड के पाठ करवाने से अधिक होती है।
प्राचीन काल से ही सनातन धर्म में सुंदरकांड का पाठ करवाने की परंपरा चली आ रही है सामान्यतया सुंदरकांड का पाठ पंडितों से करवाया जाता है तो उसे अधिक फलदाई माना जाता है लेकिन यदि कोई व्यक्ति सुंदरकांड का पाठ पंडितों से करवाने में असमर्थ है तो ऐसा व्यक्ति स्वयं भी सुंदरकांड के पाठ का वाचन कर सकता है।
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सुंदरकांड का पाठ करवाने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है तथा व्यक्ति के रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं तथा व्यवसाय में आ रही बाधाएं और रुकावटें इस पाठ का वाचन करवाने से परे होती है।
यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से किसी बीमारी से ग्रसित है और डॉक्टर्स के भी यह समझ में नहीं आ रहा है कि इस व्यक्ति को क्या हुआ है तो ऐसे व्यक्ति को सुंदरकांड का पाठ अवश्य करवाना चाहिए क्योंकि यदि ऐसा व्यक्ति सुंदरकांड का पाठ करवाता है तो उसको इस बीमारी से निजात मिल जाती है।
सुंदरकांड का पाठ क्यों करवाया जाता है ?
सभी संकटों , कष्टों तथा दुखों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए भगवान हनुमान जी की आराधना के रूप में सुंदरकांड का पाठ करवाया जाता है।
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सुंदरकांड का पाठ करवाने से क्या होता है ?
सुंदरकांड का पाठ करवाने से घर में सुख समृद्धि का आगमन होता है तथा घर के प्रत्येक व्यक्ति में तथा घर के प्रत्येक कोने में एक नयी तथा आत्मविश्वास में वृद्धि करने वाली ऊर्जा का प्रवाह होता है।