सांवरिया सेठ का मेला कब और कहां लगता है ?
हम आपको बताने का प्रयास करेंगे सांवरिया सेठ का मेला कब और कहां लगता है ? तथा सांवरिया सेठ के मेले की विशेषता क्या है से संबंधित विस्तृत जानकारी।
सांवरिया सेठ का मेला कब और कहां लगता है ?
सांवरिया सेठ जी का मेला हिंदू कैलेंडर के भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन लगता है। इस मेले में सांवरिया सेठ के जो भक्त आते हैं कुछ ना कुछ अवश्य ही दान करके जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि सांवरिया सेठ जी के मेले में यदि कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार का दान करता है तो उसको कोई शुभ समाचार अवश्य प्राप्त होता है।
सांवरिया सेठ जी का मेला राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित मंडफिया नामक स्थान पर लगता है। मंडफिया में लगने वाले सांवरिया सेठ जी के इस मेले में लाखों की तादाद में लोग भाग लेने आते हैं यह चित्तौड़गढ़ ही नहीं बल्कि संपूर्ण राजस्थान के बड़े मेलों के अंतर्गत आता है।
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सांवरिया सेठ जी के मेले में आने वाले श्रद्धालु पीले रंग की ध्वजा लेकर आते हैं और इसको सांवरिया सेठ के मंदिर के ऊपर चढ़ाते हैं ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों को पुत्र की प्राप्ति नहीं होती है वह लोग ध्वजा यदि सांवरिया सेठ जी के चढ़ाते हैं तो उनको पुत्र प्राप्ति हो जाती है।
राजस्थान में आयोजित होने वाले इस मेले के अंदर जो लोग किसी भी प्रकार के व्यापार का कार्य करते हैं वह सांवरिया सेठ जी को कुछ प्रतिशत अपने व्यापार का हिस्सा दान करते हैं। प्राचीन किंवदंतियों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि सांवरिया सेठ को जो पाटनर बनाता है उस व्यक्ति के पीछे सेट शब्द लग जाता है।
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सांवरिया सेठ के मंदिर में चमकदार तथा संगमरमर से निर्मित मूर्ति लगी हुई है मूर्ति की साज-सज्जा बहुत ही सुंदर तथा आकर्षक तरीके से की गई है जो हर किसी के मन को अपनी ओर आकर्षित करती है।
सांवरिया सेठ जी के मेले की प्रमुख विशेषता यह है कि इनक मेले के अंदर आने वाला श्रद्धालु खाली हाथ नहीं लौटता है ऐसा कहा जाता है कि सांवरिया जी अपने श्रद्धालुओं को कोई ना कोई चीज या वरदान अवश्य देकर भेजते हैं।