लिंग फड़कने का मतलब , अर्थ , मायने
लिंग फड़कने का मतलब , अर्थ , मायने , लिंग का फड़कना शुभ होता है या अशुभ , लिंग का फड़कना कैसा होता है , लिंग फड़कने से क्या होता है , लिंग क्यों फड़कता है ?
लिंग फड़कने का मतलब , अर्थ , मायने
सामान्य तौर पर व्यक्ति के किसी भी शरीर के अंग का फड़कना एक सामान्य प्रक्रिया होती है। लेकिन जब किसी व्यक्ति को लिंग फड़कता है तो इसका मतलब होता है कि उसे व्यक्ति के जीवन में शीघ्र ही कहीं ना कहीं भ्रमण करने का योग बनेगा।
वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी भी पुरुष का लिंग फड़कने का अर्थ होता है कि अब उस पुरुष के व्यवसाय में लाभ होगा तथा वह पुरुष किसी स्त्री के साथ संबंध स्थापित करेगा।
लिंग का फड़कना शुभ होता है या अशुभ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लिंग का फड़कना एक शुभ संकेत होता है। जब किसी भी व्यक्ति को लिंग फड़कता है तो लिंग में तनाव उत्पन्न होता है जिससे कि व्यक्ति के संभोग करने की इच्छा शक्ति उत्पन्न होती है इसलिए इसे एक शुभ संकेत माना जाता है।
लिंग का फड़कना कैसा होता है
लिंग का फड़कना वास्तु शास्त्र के अनुसार बेहद ही अच्छा माना जाता है। जब किसी भी जातक का यह गुप्तांग फड़कता है तो उस जातक की समस्याओं का समाधान शीघ्र होता है।
लिंग फड़कने से क्या होता है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लिंग फड़कने से व्यक्ति के संभोग करने की इच्छा में वृद्धि होती है तथा जब किसी भी व्यक्ति का लिंग फड़कता है तो ऐसे व्यक्ति के आने वाले समय में आकस्मिक धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
लिंग क्यों फड़कता है ?
शरीर का प्रत्येक अंग फड़कना एक सामान्य प्रक्रिया होती है। और इस प्रक्रिया के तहत ही व्यक्ति का लिंग भी बढ़ता है दरअसल में जब व्यक्ति लंबे समय तक किसी भी स्त्री के साथ संबंध स्थापित नहीं करता है तो उसका लिंग फड़कता है।