लोक देवता कल्लाजी राठौड़ का जीवन परिचय 2024 | kallaji Rathore Biography in Hindi
लोक देवता कल्लाजी राठौड़ का जीवन परिचय 2024 | kallaji Rathore Biography in Hindi , कल्लाजी राठौड़ का जन्म कब और कहां हुआ ? , कल्लाजी राठौड़ के उपनाम
लोक देवता कल्लाजी राठौड़ का जीवन परिचय 2024 | kallaji Rathore Biography in Hindi
राजस्थान में औषधीय महत्व बताने वाले अनेक लोक देवता हुए उन्हें में से एक है कल्लाजी राठौड़ कल्लाजी राठौड़ को औषधि विज्ञान तथा योग साधना का ज्ञान था।
कल्लाजी राठौड़ लोक देवता होने के साथ-साथ एक कुशल शासक तथा योद्धा भी थे। इन्होंने 1568 ईस्वी में चित्तौड़ के तीसरी शाखा के समय अकबर के युद्ध लड़ते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए थे। इस दौरान कल्लाजी ने अपने चाचा जयमाल राठौड़ को कंधे पर बिठाकर युद्ध लड़ा था इसलिए कल्लाजी राठौड़ को चार हाथों वाले लोक देवता भी कहा जाता है।
लोक देवता कल्लाजी राठौड़ की मेवाड़ तथा वांगड़ क्षेत्र में अत्यधिक मान्यता है।
कल्लाजी राठौड़ का जन्म कब और कहां हुआ ?
लोक देवता कल्लाजी राठौड़ का जन्म 1544 ई (आश्विन शुक्ल नवमी) को नागौर जिले के मेड़ता के निकट समियाना गांव में हुआ था।
कल्लाजी राठौड़ के उपनाम
शेषनाग के अवतार कल्लाजी राठौड़ को चार हाथों वाले लोक देवता , रूप चतुर्भुज , 52 धरा के राव तथा भाथी खत्री आदि उपनामों से जाना जाता है।
कल्लाजी राठौड़ के माता-पिता का नाम
राजस्थान के नागौर जिले में जन्मे लोक देवता कल्लाजी राठौड़ की माता का नाम श्वेत कंवर था तथा इनके पिता का नाम आससिंह था।
कल्लाजी राठौड़ की पत्नी का नाम
लोक देवता कल्लाजी राठौड़ की पत्नी का नाम कृष्णा था। इनकी पत्नी कृष्ण इनके साथ ही सती हुई थी।
कल्लाजी राठौड़ की छतरी
लोक देवता कल्लाजी राठौड़ की छतरी चित्तौड़गढ़ दुर्ग में चार खंभों से निर्मित है।
लोक देवता कल्लाजी राठौड़ की मुख्य पीठ
लोक देवता कल्लाजी राठौड़ की मुख्य पीठ चित्तौड़गढ़ जिले के रनैला नामक स्थान पर है। वांगड़ में सामलिया गांव में कल्ला जी की काले पत्थर की मूर्ति है जिस पर अफीम चढ़ाई जाती है।
कल्लाजी राठौड़ का मेला कब तथा कहां लगता है ?
लोक देवता कल्लाजी राठौड़ का मेला प्रतिवर्ष आश्विन शुक्ल अष्टमी के दिन चित्तौड़गढ़ जिले के रनैला नामक स्थान पर लगता है।
Note- लोक देवता कल्लाजी राठौड़ का भोपा किरण धारी कहलाता है।