हनुमान चालीसा की रचना कब और कैसे हुई ?
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अनेक धर्म तथा वास्तुशास्त्र के ग्रंथों में हनुमान चालीसा की रचना से संबंधित अलग-अलग जानकारी प्राप्त होती है।
हनुमान चालीसा की रचना गोस्वामी तुलसीदास ने की थी किंतु हनुमान चालीसा के वास्तविक रचनाकार यानी की रचयिता महान संत तुलसीदास माने जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि तुलसीदास ने इसकी रचना जेल में बैठकर की थी।
हनुमान चालीसा की रचना मुगल काल के दौरान हुई थी जिस समय हिंदू धर्म संकट में था उसी समय तुलसीदास ने हिंदू धर्म को बढ़ावा देने के लिए हनुमान चालीसा की रचना की थी।
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वास्तु शास्त्र के ग्रंथों से ज्ञात होता है कि भगवान हनुमान का जन्म मंगलवार के दिन हुआ था तथा इसी दिन हनुमान चालीसा की रचना भ हुई थी इसलिए इस दिन को भगवान हनुमान का विशेष दिन माना जाता है।
मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने तथा हनुमान जी के समक्ष परिणाम करने से भक्तों के कष्ट शीघ्र ही दूर होते हैं।
गोस्वामी तुलसीदास ने हनुमान चालीसा की रचना की थी। इसके अलावा गोस्वामी तुलसीदास ने ही हनुमान बाहुक तथा हनुमानाष्टक की भी रचना की थी।
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अकबर काल के दौरान तुलसीदास तथा अकबर की मध्य हुई एक मुलाक़ात के दौरान जब अकबर ने तुलसीदास से कहा था कि मुझे भी भगवान से मिलना है तो उस दौरान गोस्वामी तुलसीदास ने उन्हें हनुमान चालीसा की रचना लिख कर दी थी और कहा था कि इसे पढ़ने से भगवान से मिलन होता है।
इसी प्राचीन कहानी के अनुसार हनुमान चालीसा की रचना अकबर काल के दौरान हुई थी और इसकी रचना महान संत गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा की गई थी।