चौथ माता का जीवन परिचय 2024| मंदिर | कहानी | इतिहास
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चौथ माता का जीवन परिचय 2024| मंदिर | कहानी | इतिहास
लोक देवियों में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली चौथ माता कंजर जनजाति की कुलदेवी तथा आराध्य देवी है। यह जनजाति कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने से पूर्व इस माता की पूजा आराधना करती है।
चौथ माता का मंदिर कहां है ?
चौथ माता का मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा नामक स्थान पर है। इस मंदिर में पुरुषों की तुलना में महिला श्रद्धालु अधिक आती है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो महिलाएं इस माता की पूजा आराधना करती है उनके पति की उम्र में वृद्धि होती है।
चौथ माता का मेला प्रतिवर्ष मार्ग कृष्ण चतुर्थी के दिन लगता है जिसे संकट हरण चतुर्थी तथा तिल चौथ चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। यह मेला चौथ का बरवाड़ा नामक स्थान पर आयोजित होता है। इस मेले में सैकड़ो की तादाद में महिला श्रद्धालु भाग लेने आती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि इस माता के चमत्कारों के चलते ही प्रतिवर्ष महिलाएं चौथ का व्रत करती है। और व्रत संपन्न होने के बाद इस माता की कहानी सुनती है। तथा कहानी सुनाने के अपने पति के हाथ से जल ग्रहण करके ही भोजन करती है।