चामुंडा माता का जीवन परिचय 2024| मंदिर | इतिहास | कहानी
चामुंडा माता का जीवन परिचय 2024| मंदिर | इतिहास | कहानी , चामुंडा माता किसकी कुलदेवी है ? , चामुंडा माता का मंदिर कहां है ? , चामुंडा माता ने किस राक्षस का वध किया ?

चामुंडा माता का जीवन परिचय 2024| मंदिर | इतिहास | कहानी
लोक देवी चामुंडा माता के मान्यता राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में अधिक रही है। यह लोक देवी 1965 में भारत-पाक युद्ध के समय अपने द्वारा किए गए चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है।
चामुंडा माता किसकी कुलदेवी है ?
लोक देवी चामुंडा माता प्रतिहरों (परिहारों) की कुलदेवी है। तथा यह माता ही प्रतिहरों की इष्ट देवी और आराध्य देवी के रूप में ख्याति प्राप्त है।
चामुंडा माता का मंदिर कहां है ?
चामुंडा माता का मुख्य मंदिर जोधपुर जिले के मेहरानगढ़ दुर्ग में है।
चामुंडा माता ने किस राक्षस का वध किया ?
चामुंडा माता द्वारा चंड़ मुंड नामक राक्षस का वध किया गया था। जिसके कारण ही यह देवी चामुंडा कहलाई।
चामुंडा माता के मंदिर का निर्माण किसने करवाया ?
लोक देवी चामुंडा माता के मंदिर का निर्माण जोधपुर के संस्थापक राव जोधा ने करवाया था। तथा इस मंदिर का पुनः निर्माण जोधपुर के शासन तख्त सिंह ने करवाया था।
चामुंडा माता की मूर्ति कौन और कहां से लाया ?
चामुंडा माता की मूर्ति जोधपुर के शासक राव जोधा चामुंडा गांव से लेकर आए थे।
मेहरानगढ़ दुखांतिका टीका कब और कहां हुई ?
2008 में चामुंडा माता के मंदिर में भगदड़ मचने से दुर्घटना हुई थी जिसे मेहरानगढ़ दुखांतिका का कहा जाता है। इस दुर्घटना की जांच हेतु जसराज चोपड़ा समिति का गठन किया गया था।
चामुंडा माता का दूसरा मंदिर
चामुंडा माता का दूसरा मंदिर राजस्थान के अजमेर जिले में है। इस मंदिर का निर्माण पृथ्वीराज चौहान तृतीय ने करवाया था। चामुंडा माता चौहान वंश के पराक्रमी शासक पृथ्वीराज चौहान तृतीय की आराध्य देवी थी।
पृथ्वीराज चौहान तृतीय के दरबारी कवि चंद्रबरदाई द्वारा इसी मंदिर में “ज्वाला स्तुति” नामक ग्रंथ लिखा गया था।