बाण माता का जीवन परिचय 2024 | मंदिर | कहानी | इतिहास
बाण माता का जीवन परिचय 2024 | मंदिर | कहानी | इतिहास , बाण माता किस राजवंश की कुलदेवी है ? , बाण माता का मंदिर कहां है ?

बाण माता का जीवन परिचय 2024 | मंदिर | कहानी | इतिहास
लोक देवी बाण माता का राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले विशेष संबंध रहा है। यहां तक की मेवाड़ में सर्वप्रथम यदि किसी राजवंश ने सत्ता यानी कि अपना साम्राज्य स्थापित किया था तो भी इस माता के आशीर्वाद से ही किया था।
इस लोक देवी की मान्यता मेवाड़ क्षेत्र में सर्वाधिक है। यह लोक देवी अपने द्वारा किए गए चमत्कारोंके लिए सुप्रसिद्ध है। यह मेवाड़ के अनेक शासकों की आराध्य देवी रही है।
इस माता का मेला वर्ष में दो बार नवरात्रों में आयोजित होता है। इसका मेला नागदा तथा चित्तौड़गढ़ दोनों जगह ही लगता है।
बाण माता किस राजवंश की कुलदेवी है ?
लोक देवी बाण माता गुहिल राजवंश की कुलदेवी है। इसके लगभग सातवीं शताब्दी में चित्तौड़ पर अपना आधिपत्य स्थापित किया था। इसके अतिरिक्त बाण माता सोलंकी राजवंश (चालुक्य) वंशकी भी कुलदेवी है।
बाण माता का मंदिर कहां है ?
बाण माता का प्रमुख मंदिर राजस्थान के उदयपुर जिले के नागदा नामक स्थान पर है, जबकि एक दूसरा मंदिर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में बना हुआ है। जो चित्तौड़गढ़ दुर्ग के निकट ही है।