अनंत चतुर्दशी का क्या महत्व है ?

अनंत चतुर्दशी का क्या महत्व है ? तथा अनंत चतुर्दशी के दिन क्या करना चाहिए और अनंत चतुर्दशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए से संबंधित जानकारी।
अनंत चतुर्दशी का क्या महत्व है ?
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन अनंत चतुर्दशी तिथि का पर्व मनाया जाता है तथा इस दिन व्रत भी किया जाता है। अनंत चतुर्दशी का धार्मिक दृष्टि से महत्व विशेष है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु के अवतार अनंत भगवान की आराधना में व्रत किया जाता है।
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान अनंत यानी कि विष्णु की आराधना में व्रत करने का विशेष महत्व होता है इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से भी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और यदि इस दिन कोई भी शुभ कार्य प्रारंभ किया जाता है तो उस कार्य में अधिक लाभ होता है।
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भगवान विष्णु के अवतार अनंत के रूप में मनाया जाने वाला अनंत चतुर्दशी का यह पर्व हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है इस पर्व के दिन दान पुण्य करने का प्रचलन प्राचीन काल से ही चला आ रहा है।
इसलिए हर व्यक्ति को इस दिन किसी ना किसी वस्तु का दान अवश्य करना चाहिए और यदि इस दिन किसी असहाय अन्यथा विकलांग व्यक्ति की मदद करते हैं तो बहुत ही अच्छा फल मिलता है।
अनंत चतुर्दशी के दिन किसी भी प्रकार का कोई भी गलत कार्य नहीं करना चाहिए जैसे कि पुरुषों को इस दिन स्त्रियों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए तथा इस दिन किसी की निद्रा भी नहीं करनी चाहिए।
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अनंत चतुर्दशी के दिन गायों को चारा खिलाना चाहिए तथा गरीबों को वस्त्र दान करने चाहिए तथा छोटे बच्चों को मिठाइयां वितरित करनी चाहिए। इस दिन ऐसा करने से शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य ठीक होता है और व्यक्ति के धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।