आई माता का जीवन परिचय 2024| मंदिर | कहानी | इतिहास
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आई माता का जीवन परिचय 2024| मंदिर | कहानी | इतिहास
लोक देवी आई माता को नवदुर्गा का अवतार माना जाता है। यह माता सीरवी जाति के राजपूतों की कुलदेवी है। इस माता का जन्म गुजरात के अंबापुर नामक स्थान पर हुआ था।
आई माता के पिता का नाम बिका डाबी था तथा यह माता लोक देवता रामदेव जी की शिष्या थी। इस माता ने मारवाड़ में डोरा पंथ चलाया जिसे आई पंथ कहा जाता है तथा इस पंथ के अनुयायी 11 नियम मानते हैं।
आई माता का मंदिर जोधपुर जिले की बिलाड़ा तहसील में स्थित है। इस माता के मंदिर को दरगाह है तथा बढेर कहा जाता है। तथा माता के मंदिर में पूजा करने वाला पुजारी दीवान कहलाता है। इस माता के मंदिर में दीपक से केसर टपकती है।
आई माता के मंदिर में जली हुई केसर का उपयोग दिव्य दृष्टि के लिए किया जाता है। इस माता का मेला प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल द्वितीया के दिन जोधपुर जिले के बिलाड़ा नामक स्थान पर आयोजित होता है। आई माता का बचपन का नाम जीजी बाई था।