बारह मुखी रुद्राक्ष धारण विधि | 12 Mukhi Rudraksha Dharan Vidhi
जानिए बारह मुखी रुद्राक्ष धारण विधि | 12 Mukhi Rudraksha Dharan Vidhi तथा 12 मुखी रुद्राक्ष कब धारण करना चाहिए से संबंधित जानकारी।
बारह मुखी रुद्राक्ष धारण विधि | 12 Mukhi Rudraksha Dharan Vidhi
प्राचीन धार्मिक ग्रंथों तथा पुराणों के आधार पर 12 मुखी रुद्राक्ष को भगवान सूर्य का स्वरूप माना जाता है। 12 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व प्रातः काल के समय जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए।
इसके बाद रुद्राक्ष को दूध से अभिषेक करवाना चाहिए तथा गंगाजल से रुद्राक्ष को पवित्र करना चाहिए। तथा इस रुद्राक्ष को सोमवार के दिन धारण करना चाहिए। क्योंकि सोमवार के दिन भगवान सूर्य का प्रतीक माना जाता है।
12 मुखी रुद्राक्ष की सभी शक्तियां भगवान सूर्य देव में निहित होती है इसलिए इसको जब भी कोई व्यक्ति धारण करता है इससे पूर्व ओम सूर्याय नमः तथा ओम भास्कराया नमः तथा ओम रवैया या नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।
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इसके बाद उत्तर दिशा की ओर मुंह करके 12 मुखी रुद्राक्ष को काले धागे के अंदर पिरोना होना चाहिए यदि आप इसको चांदी के तार के अंदर भी पिरोकर धारण करते हैं तो अति उत्तम होता है।
12 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के बाद में भगवान सूर्य देव तथा शिव की आराधना करनी चाहिए और अपनी मनोकामना ईश्वर के समक्ष रखनी चाहिए।
12 मुखी रुद्राक्ष कब धारण करना चाहिए
12 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए सबसे अच्छा दिन सोमवार का दिन माना जाता है इसलिए 12 मुखी रुद्राक्ष को सोमवार के दिन धारण करना चाहिए।
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यदि कोई जातक किसी कारणवश इस रुद्राक्ष को सोमवार के दिन धारण नहीं कर पाता है तो ऐसे जातकों को एकादशी या सूर्य सप्तमी के दिन 12 मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए क्योंकि यह दोनों दिन भी इस रुद्राक्ष को धारण करने की दृष्टि से सर्वोत्तम होते हैं।