मंदिर / पूजाघर के वास्तु टिप्स 2023 , mandir , puja Ghar ke vastu tips
मंदिर / पूजाघर के वास्तु टिप्स , mandir , puja Ghar ke vastu tips , मंदिर के वास्तु टिप्स , पूजा घर के वास्तु टिप्स , मंदिर / पूजाघर में मूर्तियों का मुख किस दिशा में होना चाहिए , घर में मंदिर कहां नहीं होना चाहिए , मंदिर / पूजाघर किस दिशा में बनाना चाहिए , मंदिर / पूजाघर के लिए ईशान कोण का क्या महत्व है, mandir ke vastu tips , puja Ghar ke vastu tips , puja ghar mein moortiyon ka mukh kis Disha mein hona chahie ,
पूजाघर यानी घर के अंदर बना मंदिर। जहां हम ईश्वर की आराधना करते हैं तथा ध्यान लगाते हैं इसलिए यह वास्तु के अनुसार बना होना आवश्यक है। पूजा में मन लगे इसके लिए जरूरी है कि वहां सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रहे जो आपको ईश्वर से जोड़ें।
मंदिर / पूजाघर के वास्तु टिप्स
जानिए मंदिर / पूजाघर के वास्तु टिप्स
- घर में बना पूजाघर / मंदिर बाथरूम के ठीक नीचे या ऊपर नहीं बना होना चाहिए।
- शयनकक्ष यानी बेडरूम में बना हुआ मंदिर किसी भी प्रकार से शुभ नहीं माना गया है
- घर की पूर्वी तथा उत्तरी दीवार पर कुलदेवता का चित्र लगाना शुभ माना गया है।
- मंदिर का दरवाजा कभी भी लोहे या टीन की ग्रिल का नहीं बना होना चाहिए।
- ध्यान रहे मंदिर का दरवाजा बाथरूम के दरवाजे के आसपास या सामने नहीं खोलन चाहिए।
- वास्तु दोष की समस्या से समाधान पाने के लिए पूजा घर में जल में डूबे हुए शिवलिंग की स्थापना करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त तर्कशक्ति यंत्र की स्थापना करके भी वास्तु दोष से मुक्ति पाई जा सकती है।
- यदि धार्मिक ग्रंथों के आधार पर प्राप्त ज्ञान के अनुसार बात करें तो ज्ञान की बढ़ोतरी के लिए पूर्व दिशा में मुख करना चाहिए तथा धन की बढ़ोतरी के लिए उत्तर दिशा में मुंह करके ईश्वर का ध्यान करना चाहिए।
- पूजाघर के आसपास में कभी भी झाड़ू तथा कचरा पात्र नहीं रखना चाहिए।
मंदिर / पूजाघर में मूर्तियों का मुख किस दिशा में होना चाहिए
- मंदिर / पूजाघर में भगवान शिव, ब्रह्मा, विष्णु और सूर्य की प्रतिमा का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
- जबकि भगवान कुबेर, गणेश और मां दुर्गा की मूर्तियों का मुख दक्षिण की ओर होना चाहिए।
- पूजाघर में भगवान हनुमान जी की मूर्ति का मुख नैऋत्य कोण की ओर होना चाहिए।
- ध्यान रहे पूजाघर में कभी भी भगवान गणेश की तीन प्रतिमाएं एक साथ नहीं होनी चाहिए।
- पूजाघर / मंदिर में कभी भी भगवान की मूर्ति को दक्षिण पश्चिम दिशा में नहीं रखे क्योंकि ऐसा करने से कार्य में बाधा उत्पन्न होती है।
घर में मंदिर / पूजाघर कहां नहीं होना चाहिए
घर में मंदिर / पूजाघर कभी भी टॉयलेट तथा बाथरूम के आसपास या नीचे नहीं होना चाहिए। साथ ही ध्यान रहे सीढी़यों के नीचे भी पूजाघर बनाना शुभ नहीं है।
मंदिर / पूजाघर किस दिशा में बनाना चाहिए
मंदिर / पूजाघर उत्तर पूर्व दिशा में बनाना चाहिए क्योंकि इस दिशा में मंदिर होने से समूचे घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है।
मंदिर / पूजाघर के लिए ईशान कोण का क्या महत्व है
सरल शब्दों में किसी भी जमीन के उत्तर पूर्व के कोने को ईशान कोण कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि ईशान कोण में आध्यात्मिक शक्तियों का निवास होता है तथा देवी देवताओं का वास होता है।
ये भी पढ़ें- उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर, Temple of Rajasthan:2022
इसलिए यह घर का सबसे पवित्र कोना कहलाता है तथा भगवान शिव को ईशान के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए शिव का आधिपत्य पूर्व दिशा के कोने में होता है। इसी कारण इस दिशा को ईशान कोण कहा जाता है।
इस क्षेत्र में मंदिर / पूजाघर बना कर की गई पूजा का विशेष महत्व होता है इसलिए ध्यान रहे अपनी इच्छा अनुसार घर के किसी भी हिस्से में फेरबदल कर दी लेकिन मंदिर / पूजाघर को सदैव ईशान कोण में ही बनाना चाहिए तथा इस क्षेत्र को खाली नहीं छोड़ना चाहिए।
मंदिर / पूजाघर के वास्तु टिप्स से संबंधित हमारी यह जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट बॉक्स में बताएं।