छह मुखी रुद्राक्ष धारण विधि | 6 Mukhi Rudraksha Dharan Vidhi
छह मुखी रुद्राक्ष धारण विधि | 6 Mukhi Rudraksha Dharan Vidhi तथा छह मुखी रुद्राक्ष कब धारण करना चाहिए और उसको धारण करते समय किस बात का ध्यान रखना चाहिए से संबंधित विशेष जानकारी।
छह मुखी रुद्राक्ष धारण विधि | 6 Mukhi Rudraksha Dharan Vidhi
- 6 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पूर्व पवित्र करना चाहिए। रुद्राक्ष को जल दूध तथा पंचामृत सामग्री से पवित्र करना चाहिए।
- 6 मुखी रुद्राक्ष को पवित्र करने के बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके भगवान सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए।
- इस रुद्राक्ष को धारण करते समय ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए तथा भगवान शिव का भी ध्यान करना चाहिए।
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- 6 मुखी रुद्राक्ष को हमेशा लाल रंग के धागे में पहनना वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तम होता है क्योंकि इस धागे का प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में भी उल्लेख मिलता है।
- 6 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पूर्व भगवान शनि देव को तेल का अर्पण करना चाहिए तथा प्रत्येक शनिवार के दिन रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व शनिदेव का ध्यान करना चाहिए।
- 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की आसान प्रक्रिया उसको पंचामृत में डुबोकर तथा गोमूत्र से पवित्र करके धारण करना है।
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- यदि इस प्रक्रिया से 6 मुखी रुद्राक्ष को धारण किया जाता है तो धारण करने वाले जातक को शीघ्र ही इसके चमत्कार देखने को मिलते हैं।
- और कुछ समय बाद ही इस रुद्राक्ष का प्रभाव पहनने वाले व्यक्ति पर दिखाई देने लगता है तथा उसके जीवन में आ रही सभी प्रकार की समस्याएं स्वत ही खत्म हो जाती है।
- पूर्व दिशा की ओर मुंह करके इस रुद्राक्ष को पहनना शुभ माना जाता है जबकि उत्तर दिशा की ओर मुंह करके भी शुरू रुद्राक्ष को धारण किया जा सकता है।
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- लेकिन किसी भी प्रकार के रुद्राक्ष को दक्षिण तथा पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके नहीं पहनना चाहिए क्योंकि यह वास्तु शास्त्र के अनुसार अनुकूल नहीं होता है।