मरुस्थल में दफन राज्य वृक्ष खेजड़ी की लाशें।
मरुस्थल में दफन राज्य वृक्ष खेजड़ी की लाशें। राजस्थान का राज्य वृक्ष खेजड़ी गहरे संकट में जूझ रहा है। और अपने अस्तित्व की सुरक्षा की गुहार पर्यावरण प्रेमियों से लगा रहा है।
दरअसल मामला यह है कि इन दिनों राजस्थान का राज्य वृक्ष खेजड़ी दिन प्रतिदिन मानव प्रजाति के हत्थे चढ़ रहा है। मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए राज्य वृक्ष खेजड़ी को नेस्तनाबूद कर रहा है।
जोधपुर जिले के बाप उपखंड में कल एक अजीबो-गरीबों मामला सामने आया है। दरअसल जोधपुर की बाप उपखंड में किसी सोलर कंपनी द्वारा ली गई जमीन के भीतर राज्य वृक्ष खेजड़ी के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
जिसके बाद पर्यावरण प्रेमियों में भारी आक्रोश है तथा पर्यावरण प्रेमियों का आक्रोश लाजमी भी है क्योंकि सोलर कंपनी द्वारा लीज पर ली गई जमीन के अंदर जब जेसीबी से खुदाई चल रही थी उसी समय सैकड़ों की तादाद में राज्य वृक्ष खेजड़ी के अवशेष मिले हैं।
मरुस्थल सत्र में इन दिनों सोलर कंपनियों का बोलबाला बढ़ रहा है और इन्हीं कंपनियों के कारण राज्य वृक्ष खेजड़ी संकट में पड़ रहा है।
क्योंकि सोलर कंपनियां अपने थोड़े से स्वार्थ के लिए राज्य वृक्ष खेजड़ी को काट रही है और पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने के साथ ही पर्यावरण प्रेमियों की भावनाओं के साथ भी खिलवाड़ कर रही है।
जिसको लेकर पर्यावरण प्रेमियों में भारी आक्रोश है और पर्यावरण प्रेमी इस मामले को लेकर कल 15 जून को अतिरिक्त जिला कलेक्टर कार्यालय फलोदी के समक्ष राज्य वृक्ष खेजड़ी बचाओ को लेकर ज्ञापन देंगे।
15 जून बुधवार को जोधपुर जिले के तमाम पर्यावरण प्रेमी जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय फलोदी के समक्ष बड़ी तादाद में अपना विरोध दर्ज करवाएंगे।
पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि यदि शीघ्र ही राज्य वृक्ष खेजड़ी के काटने पर पाबंदी नहीं लगाई गई तो सभी पर्यावरण प्रेमी अब इसको लेकर उग्र आंदोलन करेंगे। तथा पर्यावरण प्रेमी संप्रदाय विश्नोई संप्रदाय का कहना है कि राज्य वृक्ष खेजड़ी में हमारी आत्मा बसती है इसके साथ हम खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे।
आप हमें कमेंट बाक्स में बताए आपको मरुस्थल में दफन राज्य वृक्ष खेजड़ी की लाशें। ये आर्टिकल कैसा लगा?