सुंधा माता का जीवन परिचय 2024| इतिहास| मंदिर | कहानी
सुंधा माता का जीवन परिचय 2024| इतिहास| मंदिर | कहानी , सुंधा माता का मंदिर कहां स्थित है ? , सुंधा माता किसकी कुलदेवी है ? , सुंधा माता किसका रूप है ? , सुंधा माता का मेला कब लगता है ? , सुंधा माता का दूसरा नाम क्या है ?

सुंधा माता का जीवन परिचय 2024| इतिहास| मंदिर | कहानी
लोक देवी सुंधा माता की अधिक मान्यता राजस्थान के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में है। सुंधा माता के मंदिर में भुलेश्वर महादेव की प्रतिमा स्थापित है जो पाशुपत संप्रदाय से संबंधित है।
सुंधा माता का मंदिर जालौर के सुंधा पर्वत पर बना हुआ है। जिसे रामायण काल में सुंगधाद्रि पर्वत नाम से जाना जाता था। यह पर्वत लगभग धरातल से 800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जिसमें श्रद्धालुओं के पहुंचने के लिए सीढ़ियों के साथ-साथ रोप-वे की भी व्यवस्था की गई है।
सुंधा माता का दूसरा नाम क्या है ?
लोक देवी सुंधा माता का दूसरा नाम अघटेश्वरी माता है। इस नाम से ही इस माता की पूजा होती है।
सुंधा माता का मंदिर कहां स्थित है ?
सुंधा माता का मंदिर दांतलावास गांव (भीनमाल- जालौर) में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण सुंदर पर्वत पर हुआ है। सुंधा माता के मंदिर का निर्माण जालौर के सोनगरा चौहान शासक चीचगदेव ने करवाया था।
राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2006-7 में राजस्थान का प्रथम रोप-वे इसी सुंधा माता के मंदिर में लगाया गया था। यह मंदिर सुंधा अभ्यारण क्षेत्र में स्थित है।
सुंधा माता किसकी कुलदेवी है ?
लोक देवी सुंधा माता जालोर के सोनगरा चौहान वंश की कुलदेवी है। तथा श्रीमाली ब्राह्मण और देवल राजपूत सुंधा माता को अपनी आराध्य देवी मानते हैं।
सुंधा माता किसका रूप है ?
लोक देवी सुंधा माता को चामुंडा माता का रूप माना जाता है।
सुंधा माता का मेला कब लगता है ?
सुंधा माता का मेला प्रतिवर्ष चैत्र व आश्विन के नवरात्रों में जालौर के दांतलावास गांव में लगता है।