कुआं पूजन शुभ मुहूर्त | कुआं पूजन कब करें | कुआं पूजा मुहूर्त
कुआं पूजन शुभ मुहूर्त | कुआं पूजन कब करें | कुआं पूजा मुहूर्त | Kua Pujan Shubh muhurt | Kua Puja
कुआं पूजन शुभ मुहूर्त | कुआं पूजन कब करें | कुआं पूजा मुहूर्त
कुआं पूजन को जल पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा इसी जलवा पूजन तथा नल पूजन के नाम से भी जाना जाता है। कुआं पूजन जब कोई भी स्त्री किसी भी पुत्री यां पुत्र को जन्म देती है तो उसके बाद की जाती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पौष के मास और चैत्र के मास के अंदर कभी भी कुआं पूजन यानी कि जलवा पूजन नहीं करना चाहिए इस दौरान कुआं पूजन करना ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ नहीं माना जाता है।
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जब कोई भी स्त्री किसी भी संतान को जन्म देती है तो उसे संतान को जन्म देने के बाद से लेकर के 1 महीने के बाद में कुआं पूजन करने का शुभ मुहूर्त होता है इसलिए बच्चों के जन्म के 1 महीने बाद ही कुआं पूजन करना चाहिए।
कुआं पूजन करने के लिए शुभ मुहूर्त बुधवार, गुरुवार तथा सोमवार के दिन होता है। इसलिए हमेशा कुआं पूजन शुभ वार देखकर के ही करना चाहिए। कुआं पूजन हमेशा पुष्य नक्षत्र तथा पुनर्वसु नक्षत्र के दौरान करना चाहिए क्योंकि कुआं पूजन करने के लिए इन दोनों ही नक्षत्र को श्रेष्ठ माना जाता है।
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कुआं पूजन करने के लिए शुभ तिथि चतुर्थी, नवमी तथा चतुर्दशी होती है कृष्ण पक्ष तथा शुक्ल पक्ष दोनों ही पक्षों की स्थिति को कुआं पूजन करना शुभ होता है। इसलिए शुभ तिथि के अनुसार ही कुआं पूजन करना आवश्यक होता है।
यदि कोई स्त्री को पूजन करने के लिए कुआं नहीं मिलता है तो ऐसी स्त्री नल पूजन भी कर सकती है क्योंकि शास्त्रों में लिखा गया है कि जब कुआं पूजन करते हैं तो कुआं उपलब्ध आसपास में नहीं होता है तो इस स्थिति में नल पूजा भी की जा सकती है इसलिए ही कुआं पूजन को नल पूजन भी कहा जाता है।