कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण , कोटपूतली विधानसभा चुनाव परिणाम , कोटपूतली विधानसभा इतिहास 2023 Kotputli Assembly Election
कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र जयपुर जिले के अंतर्गत आता है। इस विधानसभा क्षेत्र से अब तक सर्वाधिक बार निर्दलीय विधायक चुने गए हैं तथा अब तक इस विधानसभा क्षेत्र से कोई भी विधायक मंत्री नहीं बन सका है। ऐसे में जानिए कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र का संपूर्ण राजनीतिक इतिहास।

कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण
कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण तो महत्वपूर्ण है ही इसी के साथ कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र में युवा मतदाता भी विधायक चुनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक मतदाता गुुर्जर, यादव व राजपूत जाति है।
इसलिए इस विधानसभा क्षेत्र से विभिन्न राजनीतिक दल इन्हीं जातियों से ताकात रखने वाले प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारते हैं।
कोटपूतली विधानसभा चुनाव परिणाम
वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी राजेंद्र सिंह यादव को तथा भारतीय जनता पार्टी ने अपना प्रत्याशी मुकेश गोयल को बनाया था। चुनाव में कांग्रेस के राजेंद्र सिंह यादव ने 57,114 मत प्राप्त करते हुए भाजपा के प्रत्याशी मुकेश गोयल को 13 हजार से अधिक मतों से हराया था।
तथा 2018 के इस विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रत्याशी रामस्वरूप कसाना ने भी 28,000 से अधिक मत प्राप्त करके मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास किया था।
वहीं यदि कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र में 2013 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो यहां पर कांग्रेस के राजेंद्र सिंह यादव की ही जीत हुई थी। इस दौरान यादव को कुल 47,973 मत प्राप्त हुए थे जबकि भाजपा प्रत्याशी को कुल 23,286 मत प्राप्त हुए थे। इसलिए बड़े अंतराल से इस चुनाव में कांग्रेस के राजेंद्र सिंह यादव ने जीत हासिल की थी।
2008 में कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र में हुए चुनाव में LSWP के उम्मीदवार रामस्वरूप ने करीबी मुकाबले में कांग्रेस के राजेंद्र सिंह को हराया था। इस दौरान रामस्वरूप को कुल 22,328 मत तथा और कांग्रेस के उम्मीदवार राजेंद्र सिंह को 21,435 मत प्राप्त हुए थे और राजेंद्र इस करीबी मुकाबले में हार गए थे।
कोटपूतली विधानसभा चुनाओव इतिहास 2023
1980 से लेकर अब तक कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र में हुए चुनाव में चार बार भाजपा तथा चार बार कांग्रेस ने सफलता हासिल की है। ऐसे में 2023 में होने वाला विधानसभा चुनाव दोनों बड़े राजनीतिक दलों भाजपा तथा कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण होगा। वही दोनों राजनीतिक दलों के सामने चुनौती होंगे राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के पूर्व उम्मीदवार रामस्वरूप कसाना।