राजस्थान का राज्य पशु ऊंट 2022
राजस्थान का राज्य पशु ऊॅंट रेगिस्तान के जहाज के नाम से भी पहचाना जाता है। ग्रीष्म काल में भी तपती रेत में 20 दिन तक बिना पानी पीये आराम से जिंदा रह सकता है।
ऊंट की उम्र मस्तान 40 से 50 वर्ष तक होती है एवं एक बेशक ऊंट की ऊंचाई लगभग 2 मीटर होती है अगर वोट के भागने की बात करें यानी कि ऊंट की स्पीड की बात की जाए तो ऊॅंट प्रति घंटा 65 किलोमीटर की तेजी के साथ भाग सकता है।
राजस्थान के प्रमुख लोक वाद्य यंत्र 2022
वही मोटकी टाइप काल की बात की जाए तो ऊंट का गिरफ्तार 400 दिन का होता है , एवं और को करीब 3000 साल पहले मानव द्वारा पालतू पशु बनाया गया था , ऊंट का उपयोग दूध के लिए , मांस के लिए एवं बोझ ढोने होने के लिए किया जाता है।
ऊंट के बारे में रोचक तथ्य यह भी है कि ऊंट लगभग 7 फीट लंबा होता है एवं ऊंट का वजन करीब 6 क्विंटल से 7 क्विंटल होता है।
ऊंट के कानों में ऐसे महिन बाल होते हैं की रेत भी उसके कानों में प्रवेश नहीं कर पाती है।
वही ऊंट के पैरों की बात करें तो ऊंट के पैर नीचे से काफी चौड़े में होते हैं , जिसकी वजह से उसे रेगिस्तान में चलने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।
जोधपुर के धोरों से लेग स्पिन का टर्न टीम इंडिया तक।
ऊंट बिना खाए पिए भी कई दिनों तक जीवित रह सकता है, ऊंटनी का दूध गाय के दूध से ज्यादा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है क्योंकि इसमें फैट की मात्रा कम होती है।
राजस्थान में ऊंट को राज्य पशु के रूप में वसुंधरा राज्य की सरकार ने वर्ष 2014 में स्वीकार किया था। क्योंकि राजस्थान के मरुस्थल में ऊंटों की संख्या लगातार घट रही थी।
ऊंट को सवारी के रूप में भी काम में लिया जाता है। तथा राजस्थान के राज्य पशु ऊंट का उपयोग भारतीय सीमा सुरक्षा बल भी करता है। ये एक शाकाहारी जानवर है , जो मांस नहीं खाता है और अपने पीठ पर लगभग 2 क्विंटल भार उठा सकता है।