राजस्थान के प्रमुख चीनी उद्योग
आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे राजस्थान के प्रमुख चीनी उद्योग। राजस्थान में चीनी उद्योगों का विकास आशा के अनुरूप नहीं हो पाया है। चीनी उद्योगों की दृष्टि से राजस्थान पिछड़ा राज्य हैं। क्योंकि चीनी उद्योग में कच्चे माल के रूप में चुकंदर तथा गन्ने की आवश्यकता होती है और इन दोनों के उत्पादन में ही राजस्थान पिछड़ा हुआ है।
राजस्थान में चीनी उद्योग केंद्रीकृत उद्योग है। चीनी उद्योग में कच्चे माल के रूप में गन्ना तथा चुकंदर का उपयोग किया जाता है।

राजस्थान में चीनी उद्योग की प्रमुख इकाइयां-
1. द मेवाड़ शुगर मिल्स- चीनी उद्योग की इस मील की स्थापना 1932 में भोपाल सागर (चित्तौड़गढ़) में की गई थी। चीनी उद्योग की ये इकाई निजी क्षेत्र के अंतर्गत आती है।
2. गंगानगर शुगर मिल्स- चीनी उद्योग की ये इकाई राजस्थान के गंगानगर जिले में स्थापित की गई है। प्रारंभ में इस इकाई की स्थापना 1936 में बीकानेर इंडस्ट्रीज के रूप में की गई थी लेकिन बाद में इसकी स्थापना 1937 में शुगर मिल के रूप में की गई। तथा इसमें 1946 से चीनी का उत्पादन शुरू हो गया। वहीं राज्य सरकार द्वारा 1956 में चीनी उद्योग की इस इकाई को अपने अधिग्रहण में ले लिया गया है। तथा 1968 में इस इकाई से चुकंदर से चीनी का उत्पादन कार्य प्रारंभ कर दिया गया। वही 2016-17 में चीनी उद्योग की इस इकाई को कमीन पूरा गंगानगर में स्थानांतरित कर दिया गया।
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3.केशोरायपाटन शुगर मिल्स- चीनी उद्योग की इस इकाई की स्थापना 1965 में राज्य के बूंदी जिले में की गई थी। चीनी उद्योग की इकाई सहकारी क्षेत्र के अंतर्गत आती है।
4. उदयपुर शुगर मिल्स- वर्ष 1976 में मेवाड़ शुगर मिल्स की सहायक इकाई के रूप में उदयपुर में चीनी उद्योग की सहायक इकाई के रूप में उदयपुर शुगर मिल्स की स्थापना की गई थी। ये किसी भी शुगर मील की एकमात्र सहायक इकाई है। इस शुगर मिल्स के अलावा अन्य किसी भी शुगर मिल्स की सहायक इकाई का निर्माण नहीं किया गया है।