गांव का तालाब ( Gaon Ka Talab )
अगर गांव में तालाब हो तो कहा जाता है कि उस गांव में सभी सुख सुविधाएं उपलब्ध है , ऐसे ही एक तालाब की बात आज इस आर्टिकल में मैं आपके सामने पेश करूंगा।
मेरे गांव का तालाब करीब 200 साल पुराना है।
इस के किनारे एक छोटा सा मंदिर बना हुआ है , यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है ।
वैसे मंदिर इतना बड़ा तो नहीं है लेकिन इस छोटे से मंदिर के पास बसे इस तालाब से जो भी पानी ले जाने आता है वह इस मंदिर को प्रणाम जरूर करता है , कहा जाता है कि इस मंदिर में लगी मूर्ति इस को खोजते समय मिली थी।
हालांकि यह मूर्ति इतनी स्पष्ट तो नहीं बनी है लेकिन संभावना जताई गई कि भगवान शिव की मूर्ति को सकती है और उस मूर्ति को भगवान शिव की मूर्ति मानकर पूजा करनी शुरू कर दी।
दादी मां से पूछने पर दादी मां ने बताया था कि इस तालाब का निर्माण करने में पूरे गांव ने करीब 1 महीने तक मेहनत की थी , गांव के सभी लोग मिट्टी को खोदा करते थे एवं गांव की महिलाएं मिट्टी को बाहर डालने का काम किया करती थी ।
वैसे मेरी गांव की जनसंख्या की बात की जाए तो उस समय करीब डेढ़ सौ से 200 लोग होते होंगे ।
आज भी मेरे गांव में नलकूप की व्यवस्था नहीं है , वैसे हर घर टांके बना दिए गए हैं तो अब इनका का महत्व कुछ कम हो गया है।
लेकिन आज भी मेरे गांव के पशु – पक्षी इसी के सहारे भीषण गर्मी में भी अपनी जिंदगी का गुजारा करते हैं।
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हमारे गांव की पंचायत द्वारा प्रतिवर्ष सफाई करके रख रखाव का काम किया जाता है , यह हमारे गांव में चुनाव के समय एक मुद्दा भी है , क्योंकि हमारे गांव की जनता इस तालाब को खोना नहीं चाहती और इस तालाब का ऋण अपने पूर्वजों पर मानती है , हमारे पूर्वज पानी प्राप्त कर पाते थे।